प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की तलाशी लेने की कोशिश करने वाले कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन के मामले ने नया मोड़ ले लिया है. चुनाव आयोग ने मोहसिन के निलंबन पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) के रोक लगाने के आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इस पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने मोहम्मद मोहसिन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
दरअसल, जब पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के संबलपुर में चुनावी रैली करने पहुंचे थे, तो मोहम्मद मोहसिन ने उनकी तलाशी लेने की कोशिश की थी. कर्नाटक (1996) बैच के आईएएस मोहसिन संबलपुर में जनरल ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त थे. इसके बाद चुनाव आयोग ने निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में मोहसिन को निलंबित कर दिया था.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के चलते पूरे हिंदुस्तान में आचार संहिता लागू है. चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. हालांकि चुनाव आयोग ने एसपीजी सुरक्षा प्राप्त किसी भी पदाधिकारी की तलाशी लेने पर रोक लगा रखी है. मोहम्मद मोहसिन को चुनाव आयोग ने निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित किया था.
इसके बाद चुनाव आयोग के निलंबन आदेश के खिलाफ मोहसिन केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) पहुंचे थे. इसके बाद सीएटी की बेंगलुरु बेंच ने उनके निलंबन पर रोक लगा दी थी. इसके बाद कुछ घंटे बाद चुनाव आयोग ने अपना आदेश वापस ले लिया था, लेकिन कर्नाटक सरकार से मोहसिन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की थी.
अब चुनाव आयोग ने सीएटी के आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है. आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद मोहसिन को निलंबित किया था. पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर की तलाशी लेने की कोशिश के बाद चुनाव आयोग के अधिकारी भी ओडिशा गए थे और मामले की जांच की थी.
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नागार्जुन