लोकसभा: यहां तीसरी जीत के इंतजार में BJP, TDP से कड़ी टक्कर

राजमुंदरी से टीडीपी नेता मुरली मोहन मगंति सांसद हैं, उन्हें 2009 के चुनावों में महज 2147 मतों से हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि, 2014 के आम चुनाव में उन्हें बीजेपी का साथ मिला और जीत हासिल की.

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मुरली मोहन मगंती मुरली मोहन मगंती

अजीत तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:13 AM IST

राजमुंदरी शहर आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले का हिस्सा है और गोदावरी नदी के तट पर स्थित एक खूबसूरत शहर है. राजमुंदरी शहर को आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है. यहां गोदावरी नदी के तट पर स्थित कोटिलिंगेश्वर घाट मंदिर है, जो 55 शक्तिपीठों में से एक है. कुदरती खूबसूरती और प्राचीन समय के कई प्रसिद्ध मंदिर होने के कारण यह जगह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इस निर्वाचन क्षेत्र से टीडीपी नेता मुरली मोहन मगंति सांसद हैं, उन्हें 2009 के चुनावों में महज 2147 मतों से हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि, 2014 के आम चुनाव में उन्हें बीजेपी का साथ मिला और जीत हासिल की.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि  

राजमुंदरी सीट पर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने पहला आम चुनाव जीता था लेकिन उसके बाद इस पार्टी के उम्मीदवार दोबारा जीत हासिल करने में नाकामयाब रहे. हालांकि, इस सीट पर शुरू से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने यहां से 10 बार आम चुनाव में जीत दर्ज की है. टीडीपी के गठन के बाद से प्रदेश की राजनीति ने करवट ली और कांग्रेस का प्रभाव कम होना शुरू हुआ. 1982 के बाद हुए 9 आम चुनावों में 3 बार टीडीपी, 2 बार भारतीय जनता पार्टी और 4 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. राजमुंदरी उन चुनिंदा सीटों में से एक है जहां बीजेपी का भी प्रभाव है.

विधानसभा में टीडीपी का दबदबा

राजमुंदरी लोकसभा में 7 विधानसभाएं आती हैं, इसमें दो सीटें (कोव्वुर और गोपालापुरम) अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं. गोपालापुरम, निदादावोलू, कोव्वुर, राजमुंदरी ग्रामीण, राजनगरम और अनापर्थी विधानसभा में टीडीपी विधायक हैं, वहीं राजमुंदरी सिटी विधानसभा सीट बीजेपी के पास है. इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 14 लाख से ज्यादा है, जिसमें पुरुषों की संख्या 7 लाख से ज्यादा है, वहीं 7.1 लाख महिला मतदाता हैं.

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2014 में TDP को मिले थे 54 फीसद वोट

2014 के आम चुनाव में इस लोकसभा क्षेत्र में 81.22  फीसदी मतदान हुए. 2014 में टीडीपी उम्मीदवार मुरली मोहन ने 1,67,434 वोटों के अंतर से वाईएसआर कांग्रेस के उम्मीदवार बोदू वेंकटरमन चौधरी को हराया. इसी के साथ मुरली मोहन प्रदेश के उन नवनिर्वाचित सांसदों में शुमार हो गए जिन्होंने सबसे ज्यादा मार्जिन से विरोधियों को हराया था.

यह वही मुरली मोहन हैं जिन्हें 2009 के आम चुनाव में महज 2147 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. 2014 के आम चुनाव में इस सीट पर टीडीपी नंबर एक पर रही और उसके उम्मीदवार को 54.52 फीसदी वोट मिले. वहीं दूसरे नंबर पर रही वाईएसआर कार कांग्रेस उम्मीदवार का रहा, जिसे महज 1.84 फीसदी वोट ही मिल सके.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

मुरली मोहन मगंती एक अनुभवी राजनेता के अलावा पूर्व अभिनेता भी हैं. उन्होंने 350 से अधिक तेलुगु फिल्मों में अभिनय किया है. वह एपी फिल्‍म-टीवी एंड थिएटर डवलपमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष भी रहे हैं. संसद की कार्यवाही के दौरान मुरली मोहन की 86 फीसदी मौजूदगी रही. इस दौरान उन्होंने 54 बहस में हिस्सा लिया और 259 सवाल पूछे. केंद्र सरकार द्वारा जारी की राशि में से उन्होंने अपने क्षेत्र में विकास कार्यों पर 15.34 करोड़ रुपये खर्च किए.

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