महाराष्ट्र की शिरूर लोकसभा सीट 2008 में बनी और 2009 में यहां पहला आम चुनाव हुआ. विधानसभा वार तो इसका मिजाज बहुत मिला-जुला था और 6 में से 5 सीटों पर अलग-अलग पार्टियों के विधायक हैं लेकिन लोकसभा में शिवसेना के सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटील का दबदबा रहा. वह 2014 में पिछली जीत के अंतर से तीन गुना ज्यादा मार्जिन से जीते थे. इस सीट के सांसद ने मराठी में अपनी आत्मकथा भी लिखी है.
विधानसभा सीटों का मिजाज
शिरूर लोक सभा सीट में 6 विधानसभा आती हैं. शिरूर लोक सभा सीट का मिजाज मिलाजुला है. इस एक लोक सभा सीट में मनसे, शिवसेना, बीजेपी, एनसीपी और निर्दलीय एमएलए हैं. जुन्नर में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे), आंबेगांव में एनसीपी, खेड आलंदी में शिवसेना, शिरूर और हडपसर में बीजेपी, भोसरी से निर्दलीय विधायक हैं.
लोकसभा सीट का इतिहास
शिरूर लोकसभा सीट का निर्माण 2008 में हुआ और पहला चुनाव 2009 में संपन्न हुआ. 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से शिवसेना के शिवाजीराव आढलराव पाटील ने जीत दर्ज की थी और इस जीत को 2014 में भी बरकरार रखा.
लोकसभा सीट पर जीत का गणित
2009 के लोकसभा चुनावों में शिवसेना के शिवाजीराव आढलराव पाटील को 4,82,563 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर एनसीपी के विलास विठोबा लांडे रहे जिन्हें 3,03,952 वोट मिले थे. 2014 के लोक सभा चुनावों में पाटील ने 6,43,415 वोट पाकर भारी जीत हासिल की थी. दूसरे स्थान पर रहने वाले एनसीपी के देवदत्त निकम को 3,41,601 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर मनसे के उम्मीदवार को 36,448 वोट मिले थे.
सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटील के बारे में
12वीं तक शिक्षा प्राप्त शिवाजीराव ने अपना पहला लोकसभा चुनाव 2004 में शिवसेना से लड़ा और जीत हासिल की. 2009 में जब शिरूर लोकसभा सीट बनी तो वे यहां से सांसद बने. इसके बाद जीत का सिलसिला जारी रखा और 2014 में भी सांसद बने. इन्होंने अनाहत नाम से अपनी मराठी में ऑटोबायोग्राफी भी लिखी. पाटील ने 1978 में Dynalog (India) Limited नाम की कंपनी बनाई जो अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की बन गई है. ये कंपनी 'इंटेलिजेंट ऑटोमेशन सॉल्यूशन' प्रोवाइड कराती है. इन्हें 2014 और 2016 में सांसद रत्न अवार्ड से भी नवाजा गया है.
संसद में वर्तमान सांसद का प्रदर्शन और संपत्ति
संसद में इनकी उपस्थिति 43 फीसदी रही. वहीं, संसद में इन्होंने सिर्फ 10 डीबेट में भाग लिया. संसद में इन्होंने 1082 प्रश्न पूछे. प्राइवेट मेंबर्स बिल लाने में इनका खाता शून्य रहा. इस सीट पर संसदीय इलाके में खर्च करने के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान है. इसमें से मिले फंड का 98.02 फीसदी खर्च किया. पाटील ने 2014 के लोकसभा चुनाव के हलफनामे में 25 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी. इन पर 10 क्रिमिनल केस दर्ज हैं.
श्याम सुंदर गोयल