लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवे चरण के लिए सोमवार को वोट डाले गए. इस सीट पर 53.87% मतदान दर्ज किया गया. वहीं इस पांचवें चरण में शामिल उत्तरप्रदेश की 14 सीटों पर औसत मतदान का आंकड़ा 53.20% रहा.
इस बार उत्तर प्रदेश की कौशाम्बी लोकसभा सीट से 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी ने मौजूदा सांसद विनोद कुमार सोनकर को फिर से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है तो उन्हें सामने सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से सपा के इंद्रजीत सरोज चुनौती दे रहे हैं. कांग्रेस की तरफ से गिरीश पासी चुनावी दंगल में उतरे हुए हैं.
इसके अलावा भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, स्वतंत्र जनताराज पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के साथ पांच निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरकर किस्मत आजमा रहे हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 80 में से 14 सीटों पर 6 मई को पांचवे फेज में मतदान हो रहा है. 10 मार्च को लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा होने के बाद देश, चुनावी माहौल में आ गया था. 10 अप्रैल को इस सीट के लिए नोटिफिकेशन निकला, 18 अप्रैल को नॉमिनेशन की अंतिम तारीख, 20 अप्रैल को स्क्रूटनी और 22 अप्रैल को नाम वापिसी की अंतिम तारीख थी. आज 6 मई को मतदान के लिए सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवे चरण में 7 राज्यों की 51 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है. देश की सत्ता वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी संभालेंगे या 'वेटिंग इज पीएम' राहुल गांधी, ये 23 मई को परिणाम आने के बाद तय होगा.
उत्तर प्रदेश की कौशाम्बी लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट का गठन प्रतापगढ़ जिले की दो विधानसभाओं और कौशाम्बी जिले को मिलाकर साल 2008 में किया गया था. फिलहाल यहां से बीजेपी के विनोद कुमार सोनकर सांसद हैं. इस संसदीय सीट पर रघुराज प्रताप सिंह (उर्फ राजा भैया) का काफी राजनीतिक दखल है. ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी की निगाहें कौशाम्बी सीट पर हैं.
कौशाम्बी प्रयागराज शहर से 55 किमी की दूरी पर स्थित है. यह प्रदेश के पिछड़े जिलों में शामिल है. इस शहर को अति पिछड़ा अनुदान निधि मिलती है. यहां शिक्षा, रोजगार, पेयजल संकट जैसी बुनियादी जरूरतें मुंह फैलाए खड़ी हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
कौशाम्बी लोकसभा सीट परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई. यह सीट शुरुआत से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर अभी तक दो पार चुनाव हुए हैं. इस सीट से एक बार सपा और एक बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है.
कौशाम्बी लोकसभा सीट पर पहली बार 2009 में लोकसभा चुनाव हुए थे और समाजवादी पार्टी के नेता शैलेन्द्र कुमार जीतकर सांसद बने थे. इसके बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी से विनोद कुमार सोनकर उतरे और मोदी लहर में जीत हासिल की.
सामाजिक ताना-बाना
कौशांबी की आबादी 15 लाख 99 हजार 596 है, जिनमें पुरुषों की संख्या 8 लाख 38 हजार 485 और महिलाओं की संख्या 7 लाख 61 हजार 111 है. यहां की औसत साक्षरता दर 61.28% है. कौशाम्बी देश के 250 अति पिछड़े जिलों में शामिल है. कौशांबी की 85 प्रतिशत आबादी हिंन्दुओं की और 13 प्रतिशत संख्या मुस्लिमों की है.
कौशांबी लोकसभा सीट पर उतर प्रदेश की पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें प्रतापगढ़ जिले की कुंडा और बाबागंज विधानसभा सीट शामिल हैं, जबकि कौशांबी जिले की मंझनपुर, चैल और सिराथू सीट हैं. इनमें से बाबागंज और मंझनपुर की विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में कौशांबी संसदीय सीट पर 52.38 फीसदी मतदान हुए थे. इस सीट पर बीजेपी के विनोद कुमार सोनकर ने सपा के शैलेंद्र कुमार को 42 हजार 900 वोटों से मात देकर जीत हासिल की थी. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विनोद कुमार सोनकर ने 3 लाख 31 हजार 724 वोट हासिल किया. वहीं, सपा के शैलेंद्र कुमार को 2 लाख 88 हजार 824 वोट और बसपा के सुरेश कुमार पासी को 2 लाख 1 हजार 322 वोट मिले थे. इसके अलावा कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र कुमार को सिर्फ 31 हजार 905 वोट मिले थे.
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श्याम सुंदर गोयल