कोटा सीट: 15 उम्मीदवार मैदान में, 6 निर्दलीय भी आजमा रहे किस्मत

2014 के मोदी लहर में ओम बिड़ला ने कांग्रेस सांसद सिंह को 2,00,782 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. बीजेपी से ओम बिड़ला को 6,44,822 और कांग्रेस से इज्यराज सिंह को 4,44,040 वोट मिले.

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लोकसभा चुनाव की तैयारी (PTI) लोकसभा चुनाव की तैयारी (PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

आजादी के बाद कोटा लोकसभा सीट पर हुए कुल 16 लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 6 बार, कांग्रेस 4 बार और 3 बार भारतीय जनसंघ की जीत हुई है. वहीं 1 बार जनता पार्टी, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार निर्दलीय का कब्जा रहा. 2009 के चुनाव में कोटा राजघराने के इज्यराज सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर पार्टी को जीत दिलाई. वहीं 2014 में राजस्थान बीजेपी के कद्दावर नेता ओम बिड़ला ने सिंह को हराकर एक बार फिर इस सीट पर बीजेपी की जीत का परचम लहराया. अब इज्यराज सिंह बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और कभी एक दूसरे के खिलाफ लड़ने वाले नेता वर्तमान में एक ही दल में शामिल हैं.

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इस बार लोकसभा चुनाव में 15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं जिनमें छह निर्दलीय हैं. बीजेपी ने ओम बिड़ला को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस की ओर से रामनारायण मीणा, बहुजन समाज पार्टी की ओर से हरीष कुमार लोहरी, राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी की ओर से चंद्र प्रकाश, शिवसेना की ओर से भीम सिंह कुंतल, आरक्षण विरोधी पार्टी की ओर से महेश कुमार रानीवाल और भारतीय किसान पार्टी की ओर से कैप्टन सोमेश भटनागर चुनाव मैदान में उतरे हैं.

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 27,16,852 है, जिसका 49.27 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 50.73 प्रतिशत हिस्सा शहरी है. वहीं कुल आबादी का 20.4 फीसदी अनुसूचित जनजाति और 12.76 फीसदी अनुसूचित जाति हैं. कोटा लोकसभा सीट पर मीणा जाति के मतदाताओं का वोट निर्णायक माना जाता है. वहीं मीणाओं के राजनीतिक विरोधी गुर्जर भी कुछ इलाकों में प्रभावी हैं. इनके अलावा ब्राह्मण, अनुसूचित जाति और वैश्य मतदाताओं की भी अपनी अलग भूमिका है. 2014 के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर 17,44,539 मतदाता हैं, जिसमें 9,13,386 पुरुष और 8,31,153 महिलाएं हैं.

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कोटा संसदीय सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटों में कोटा जिले की कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, लाडपुरा, सांगोद, पीपल्दा, रामगंज मंडी विधानसभा और बूंदी जिले की केशोरायपाटन और बूंदी विधानसभा सीट शामिल हैं. दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां की 5 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि कांग्रेस ने पीपल्दा, सांगोद और कोटा उत्तर सीट पर कब्जा जमाया है. इस लिहाज इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी का पलड़ा भारी है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कोटा संसदीय सीट पर 66.2 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें से बीजेपी को 55.8 फीसदी और कांग्रेस को 38.4 फीसदी वोट मिले थे. इस चुनाव में कोटा राजघराने के कांग्रेसी सांसद इज्यराज सिंह से मुकाबला करने के लिए बीजेपी ने अपने कद्दावर नेता और विधायक ओम विड़ला को मैदान में उतारा. मोदी लहर में ओम बिड़ला ने कांग्रेस सांसद सिंह को 2,00,782 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. बीजेपी से ओम बिड़ला को 6,44,822 और कांग्रेस से इज्यराज सिंह को 4,44,040 वोट मिले.

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