राजस्थान की भरतपुर लोकसभा सीट पर मतगणना की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है. भरतपुर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार रंजीता कोली जीत गई हैं. रंजीता कोली ने 3,18,399 वोटों से जीत दर्ज की है. कोली को कुल 7,07,992 वोट हासिल हुए हैं. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार अभिजीत कुमार जाटव को 3,89,593 मत प्राप्त हुए हैं.
सीट का इतिहास राजस्थान के आरक्षित भरतपुर लोकसभा सीट पर पांचवें चरण के तहत 6 मई को मतदान हुआ था. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर निर्दलीय समेत कुल 8 उम्मीदवार मैदान में हैं. यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. फिलहाल बीजेपी के बहादुर सिंह यहां से सांसद हैं. उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे होने की वजह से भरतपुर संसदीय क्षेत्र में बीएसपी का प्रभाव रहता है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीएसपी एक अहम फैक्टर बनकर उभरी है.
सीट पर मतगणना के दौरान मिलने वाले रुझान और अंतिम परिणाम जानने के लिए इस पेज पर बने रहें और इसे रिफ्रेश करते रहें.
इस बार कितनी हुई वोटिंगपांचवें चरण के तहत 6 मई को सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त के बीच भरतपुर सीट पर 58.52 फीसदी वोटिंग हुई. 2014 लोकसभा चुनाव में भरतपुर में 58.81 फीसदी मतदान हुआ था,
प्रमुख उम्मीदवार
भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से सीटिंग एमपी का टिकट काट दिया था और रंजीता कोली को मैदान में उतारा था. कांग्रेस की ओर से इस सीट पर अभिजीत कुमार जाटव मैदान में थे.
उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे होने की वजह से भरतपुर संसदीय क्षेत्र में बीएसपी का प्रभाव रहता था. लिहाजा यहां बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार भी मैदान में ते. पार्टी ने इस सीट से सूरज प्रधान जाटव को टिकट दिया था.
2014 का जनादेश
2014 लोकसभा चुनाव में भरतपुर में 57 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें बीजेपी को 60.25 फीसदी औैर कांग्रेस को 34.74 फीसदी वोट मिले थे. बीजेपी के बहादुर सिंह ने कांग्रेस के डॉ सुरेश जाटव को 2,45,468 मतों से पराजित किया था. बीजेपी के बहादुर सिंह को 5,79,825 और कांग्रेस के सुरेश जाटव को 3,34,357 वोट मिले थे.
सामाजिक ताना-बाना
भरतपुर लोकसभा क्षेत्र संख्या 9 की बात करें तो यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. भरतपुर जिला पूर्वी राजस्थान में स्थित ब्रज क्षेत्र का हिस्सा है, जिसकी सीमाएं उत्तर प्रदेश से लगती हैं. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 2845269 है, जिसका 81.98 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 18.02 प्रतिशत हिस्सा शहरी है. वहीं कुल आबादी का 21.95 फीसदी अनुसूचित जाति और 3.19 फीसदी अनुसूचित जनजाति है. इसके साथ इ्स क्षेत्र में 77 फीसदी हिंदू और 18 फीसदी मुस्लिम आबादी है. साल 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भरतपुर में मतदाताओं की संख्या 16,86,897 है, जिसमें 9,11,069 पुरुष और 7,75,828 महिला मतदाता हैं.
चूंकि भरतपुर सीमाएं उत्तर प्रदेश से लगती हैं, लिहाजा यहां के कुछ क्षेत्रों में यूपी के क्षेत्रीय दलों, खासकर बहुजन समाज पार्टी का खासा प्रभाव है. भरतपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 7 विधानसभा सीटे आती हैं. जिसमें से कामां, डीग-कुम्हेर, वैर, बयाना-रुपवास सीट पर कांग्रेस, जबकि नगर और नदबई सीट पर बहुजन समाज पार्टी का कब्जा है. वहीं भरतपुर सीट पर राष्ट्रीय लोकदल का कब्जा है.
सीट का इतिहास
भरतपुर लोकसभा सीट पर 1957, 1962, 1971, 1980, 1984, 1998, 2009 में कांग्रेस, 1977, 1989 में जनता पार्टी, 1991, 1996, 1999, 2004 और 2014 में बीजेपी जीती. इस लिहाज से इस सीट पर 7 बार कांग्रेस और 5 बार बीजेपी का कब्जा रहा. फिलहाल बीजेपी के बहादुर सिंह यहां से सांसद हैं.
भरतपुर लोकसभा सीट पूर्व राजघरानों का अच्छा खासा दबदबा रहा है, लेकिन तब जब यह सीट सामान्य थी. इनमें सर्वाधिक तीन बार विश्वेंद्र सिंह, एक बार उनकी पत्नी दिव्या सिंह चुनाव जीतीं. दो बार नटवर सिंह और एक बार कृष्णेंद्र कौर दीपा सांसद चुनी गईं. कृष्णेन्द्र कौर और नटवर सिंह के पुत्र जगत सिंह भाजपा से विधायक रह चुके हैं. विश्वेंद्र फिलहाल कांग्रेस में हैं, लेकिन वे दो बार बीजेपी से एक बार जनता दल से सांसद रहें. फिलहाल विश्वेंद्र सिंह भरतपुर की डीग कुम्भेर सीट से विधायक और मंत्री हैं.
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aajtak.in / पुनीत सैनी / दिनेश अग्रहरि