हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की वीआईपी सीट मंडी पर कांग्रेस के चंपा ठाकुर और बीजेपी के उम्मीदवार अनिल शर्मा के बीच मुकाबला था. इस सीट से बीजेपी के अनिल शर्मा ने चुनाव जीत लिया है. कांग्रेस ने चंपा ठाकुर पर दांव लगाया था. चंपा ठाकुर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह की बेटी हैं और जिला परिषद की अध्यक्ष हैं.
| अभ्यर्थी | दल का नाम | मत |
| अनिल शर्मा | भारतीय जनता पार्टी | 31282 |
| चम्पा ठाकुर | इंडियन नेशनल कांग्रेस | 21025 |
| नरेन्द्र कुमार | बहुजन समाज पार्टी | 438 |
| लवन कुमार | निर्दलीय | 229 |
| देश राज | निर्दलीय | 137 |
| रोशनी शर्मा | निर्दलीय | 73 |
| दुनी चन्द | निर्दलीय | 62 |
| इनमें से कोई नहीं | इनमें से कोई नहीं | 580 |
इस सीट से कुल 7 उम्मीदवार चुनाव के मैदान में हैं. बीएसपी से नरेंद्र कुमार, बीजेपी से अनिल शर्मा, कांग्रेस से चंपा ठाकुर जबकि 4 स्वतंत्र उम्मीदवार दुनी चंद, देशराज, रोशनी शर्मा और लवन कुमार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि कांटे की टक्कर बीजेपी उम्मीदवार अनिल शर्मा और कांग्रेस के चंपा ठाकुर के बीच ही है.
मंडी सीट को पंडित सुखराम और उनके परिवार की सीट कहा जाता है. मंडी सीट से वर्तमान विधायक अनिल शर्मा सुखराम के ही बेटे हैं. सुखराम ने मंडी सीट का वर्ष 1962 से नवंबर 1984 तक प्रतिनिधित्व किया था. उनके लोकसभा में चुने जाने के बाद 1985 में डीडी ठाकुर ने यह सीट जीती. पंडित सुखराम ने जब कांग्रेस छोड़कर हिमाचल विकास कांग्रेस बनाई थी तब भी इस सीट से वह चुनाव जीतते रहे थे. उनके पुत्र अनिल शर्मा भी 2007 से यहाँ चुनाव जीत रहे हैं. इससे पहले अनिल 1993 का चुनाव जीते थे.
1967 से 1985 तक इस सीट पर कांग्रेस लगातार जीत दर्ज करती रही लेकिन 1990 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार कन्हैया लाल ने कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने में सफलता पाई. हालांकि 1993 में कांग्रेस ने अनिल शर्मा को मैदान में उतारकर जल्द वापसी कर ली.
वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में अनिल शर्मा ने मंडी से जीत हासिल की लेकिन सुखराम का नाम दूरसंचार घोटाले में सामने आने के बाद उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था और उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस (HVC) का गठन किया जिसने चुनाव के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन किया और सरकार में शामिल हुई.
वर्ष 1998 और 2003 के चुनावों में हिमाचल विकास कांग्रेस के सुखराम ने जीत दर्ज की.
वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अनिल शर्मा 15 अक्टूबर को बीजेपी में शामिल हो गए थे और मंडी सीट से उन्हें बीजेपी का उम्मीदवार बनाया गया. मंडी सीट से अब तक बीजेपी उम्मीदवार ने यहां सिर्फ एक बार 1990 में जीत दर्ज की है लेकिन इस बार अनिल शर्मा के उम्मीदवार बनने से कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है.
हालांकि पिछले 10 सालों से मंडी सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अनिल कुमार ने बीजेपी के उम्मीदवार दुर्गा दत्त को हराया. 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अनिल कुमार को 20866 वोट मिले थे जबकि बीजेपी के दुर्गा दत्त को 16936 वोट हासिल हुए थे.
प्रज्ञा बाजपेयी