त्रिनगर विधानसभा सीट उन सीटों में शामिल है जहां पिछले विधानसभा चुनाव (Delhi Elections 2020) में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अरविंद केजरीवाल की लहर में अपनी सीट गंवा दी थी. हालांकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने इस चुनाव में 40 हजार से ज्यादा मत हासिल किए थे.
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में त्रिनगर विधानसभा सीट भी शामिल है और यह चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. त्रिनगर उत्तरी दिल्ली जिले में पड़ता है. 2015 के चुनाव में त्रिनगर विधानसभा सीट पर कुल 1,58,846 मतदाता थे, जिसमें 87,290 पुरुष और 71,553 महिला मतदाता शामिल थे. जबकि 3 मतदाता थर्ड जेंडर के भी थे.
5 उम्मीदवारों को 100 से भी कम मत
2015 के विधानसभा चुनाव में त्रिनगर विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के जीतेंद्र सिंह तोमर ने जीत हासिल की थी. उन्होंने चुनाव में बीजेपी के नंद किशोर गर्ग को हराया था. जीतेंद्र तोमर को 63,012 वोट मिले थे जबकि बीजेपी के नंद किशोर को 40,701 मत मिले तो वहीं नोटा के पक्ष में 407 मत डाले गए थे.
जीतेंद्र सिंह तोमर ने 22,311 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में कांग्रेस के अनिल भारद्वाज को 7,939 मत हासिल हुए थे. 2015 के चुनाव में कुल 13 उम्मीदवार मैदान में थे जिसमें से 5 उम्मीदवारों को 100 से भी मत मिले थे.
1993 में दिल्ली को पूर्ण विधानसभा का दर्जा मिलने के बाद त्रिनगर विधानसभा सीट पर पहली जीत भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिली थी. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नंद किशोर गर्ग ने कांग्रेस के दीप चंद शर्मा को हराते हुए पहली जीत हासिल की थी. इसके बाद 1998 के चुनाव में भी नंद किशोर ने कांग्रेस के नए उम्मीदवार चतर सिंह को हराया.
हार के बाद भी नंद किशोर का बेस्ट प्रदर्शन
हालांकि 2003 के चुनाव में नंद किशोर जीत की हैट्रिक लगाने से चूक गए. उन्हें कांग्रेस के अनिल भारद्वाज के हाथों हार का सामना करना पड़ा. 2008 के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर नंद किशोर तीसरी जीत हासिल करने के इरादे से उतरे लेकिन इस बार भी जीत उनके खाते में नहीं आ सकी और कांग्रेस के हरिशंकर गुप्ता ने उन्हें हरा दिया.
2013 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता में वापसी के आसार थे, लेकिन आम आदमी पार्टी के अभ्युदय ने बीजेपी की राह पर रोड़े डाल दिए. हालांकि लगातार 2 जीत और लगातार 2 हार के बाद 2013 के चुनाव में नंद किशोर ने आखिरकार जीत का स्वाद चखा और आम आदमी पार्टी के जीतेंद्र सिंह तोमर को हरा दिया.
लेकिन 2 साल बाद 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर नंद किशोर गर्ग को हार का सामना करना पड़ा. उन्हें आम आदमी पार्टी के जीतेंद्र सिंह तोमर ने हराया. हालांकि वोट के लिहाज से देखें तो नंद किशोर ने पिछले सभी 5 चुनावों की तुलना में पहली बार 40 हजार से ज्यादा का वोट हासिल किए थे. इस तरह से एक ही सीट त्रिनगर से लगातार 6 चुनाव लड़ने वाले नंद किशोर के खाते में 3 जीत और 3 हार मिली है.
त्रिनगर विधानसभा से विधायक जीतेंद्र सिंह तोमर की पिछले चुनाव 2015 में दाखिल हलफनामे के अनुसार, 53 वर्षीय जीतेंद्र सिंह ग्रेजुएट हैं और उनके खिलाफ एक भी आपराधिक केस दर्ज नहीं है. 2015 के हलफनामे के अनुसार उनके पास 1,07,24,369 रुपये की संपत्ति है.
कब होगी मतगणना?
दिल्ली की पहली पूर्ण विधानसभा का गठन 1993 में हुआ था. इससे पहले दिल्ली में मंत्रीपरिषद हुआ करती थी. 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए सिर्फ एक चरण में मतदान होंगे और 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. मतगणना 11 फरवरी को होगी. मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.
सुरेंद्र कुमार वर्मा