दिल्ली विधानसभा की 70 सदस्यीय सीटों में से एक सीट है सुल्तानपुर माजरा विधानसभा सीट. सुल्तानपुर माजरा सीट दिल्ली विधानसभा में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 12 सीटों में से एक सीट भी है. इस सीट पर भी आम आदमी पार्टी का कब्जा है. खास बात है कि यह सीट उन चंद सीटों में शामिल है जहां पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अपनी जीत का खाता खोलना है यानि की यहां भी आज तक उसे जीत नसीब नहीं हुई है.
सबसे बड़ी जीतों में से एक
2015 के विधानसभा चुनाव में सुल्तानपुर माजरा विधानसभा सीट पर 1,69,908 वोटर्स थे जिसमें 92,233 पुरुष और 77,641 महिला वोटर्स थे, जबकि 34 मतदाता थर्ड जेंडर से थे. 1,69,908 वोटर्स में से 1,15,500 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जबकि 521 वोटरों ने नोटा के पक्ष में वोट डाला. सुल्तानपुर माजरा विधानसभा सीट नॉर्थ वेस्ट जिले में पड़ता है और नॉर्थ वेस्ट संसदीय क्षेत्र के तहत ही आता है.
पिछले विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो सुल्तानपुर माजरा विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के संदीप कुमार ने बाजी मारी थी. उन्होंने चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रभु दयाल को 64,439 मतों के अंतर से हराया था. हार-जीत के लिहाज से देखें तो 55.8% का अंतर पिछले चुनाव में सबसे बड़ी जीतों में से एक जीत है.
कांग्रेस के जय ने लगाई 'हैट्रिक'
आम आदमी पार्टी के संदीप कुमार को 80,269 यानि कुल मत का 69.5 फीसदी मत हासिल हुए जबकि भारतीय जनता पार्टी के प्रभु दयाल के खाते में 15,830 (13.7 फीसदी) मत आए. तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के जय किशन जिन्होंने 15,036 (13 फीसदी) वोट हासिल किए. इस तरह से हार-जीत में बड़ा फासला रहा, जबकि दूसरे स्थान के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दी. यहां से चुनाव मैदान में 7 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी.
1993 में दिल्ली को पूर्ण विधानसभा का दर्जा मिलने के बाद सुल्तानपुर माजरा सीट से कांग्रेस का ही कब्जा रहा. कांग्रेस के उम्मीदवार जय किशन ने पहली जीत हासिल की. इसके बाद 1998 में कांग्रेस की सुशील देवी विजयी रहीं. 2003 से कांग्रेस ने एक बार फिर जय किशन पर भरोसा जताया और टिकट दिया.
जय किशन ने कांग्रेस की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए न सिर्फ 1998 में जीत हासिल की, बल्कि 2008 और 2013 में जीत हासिल करते हुए चुनावी जीत की हैट्रिक ठोक दी. हालांकि 2015 के चुनाव में कांग्रेस की जीत का सफर थम गया और आम आदमी पार्टी के संदीप कुमार ने बीजेपी के प्रभु दयाल को हरा दिया.
6 में से 4 बार नंबर टू रही बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी के लिए सुल्तानपुर माजरा सीट अनलकी सीट रही है क्योंकि यहां से उसे आज तक कोई जीत नहीं मिली है. 1993 से लेकर 2015 तक के चुनाव में बीजेपी 4 बार नंबर टू रही, लेकिन जीत से बहुत दूर रही.
सुल्तानपुर माजरा के विधायक संदीप कुमार की बात करें तो 2015 के चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार उन पर कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है. हलफनामे के अनुसार, 39 वर्षीय संदीप कुमार ग्रेजुएट हैं और उनके पास 13,16,629 रुपये की संपत्ति है.
कब होगी मतगणना?
दिल्ली की पहली पूर्ण विधानसभा का गठन नवंबर 1993 में हुआ था. इससे पहले राजधानी दिल्ली में मंत्रीपरिषद की व्यवस्था हुआ करती थी.70 सदस्यीय विधानसभा में इस बार एक चरण में मतदान हो रहा है. 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि मतगणना 11 फरवरी को होगी. वर्तमान दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.
सुरेंद्र कुमार वर्मा