Delhi Election 2020: विकासपुरी सीट पर पहली बार जीतने वाली कांग्रेस 2015 में खिसक गई तीसरे स्थान पर

दिल्ली में विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान भौगोलिक संरचना 2008 में अस्तित्व में आई. 2002 में गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के बाद 2008 में इस सीट पर पहली बार विधानसभा के चुनाव हुए और कांग्रेस के नंद किशोर विधायक चुने गए. पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के तहत आने वाली विकासपुरी सीट पर 2008 के बाद कांग्रेस अपनी जीत दोहरा नहीं पाई.

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Delhi Assembly Election 2020 (फाइल फोटो-रॉयटर्स) Delhi Assembly Election 2020 (फाइल फोटो-रॉयटर्स)

वरुण शैलेश

  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 6:22 PM IST

  • विकासपुरी सीट पर 2008 के बाद कांग्रेस अपनी जीत दोहरा नहीं पाई
  • 2015 के चुनाव आम आदमी पार्टी के महिंदर यादव ने जीत हासिल की

दिल्ली में विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान भौगोलिक संरचना 2008 में अस्तित्व में आई. 2002 में गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के बाद 2008 में इस सीट पर पहली बार विधानसभा के चुनाव हुए और कांग्रेस के नंद किशोर विधायक चुने गए. पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के तहत आने वाली विकासपुरी सीट पर 2008 के बाद कांग्रेस अपनी जीत दोहरा नहीं पाई.

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विकासपुरी सीट पर 2013 के विधानसभा चुनावों आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की और महिंदर यादव विधायक चुने गए. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 2013 में दिल्ली में कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई. लेकिन 49 दिनों की सरकार से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद जब 2015 में चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी के महिंदर यादव ने विकासपुरी सीट से फिर जीत हासिल की.

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बहरहाल 2015 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली विधानसभा की 70  में से 67 सीटें जीतने वाले केजरीवाल का जादू इस बार चलेगा या नहीं यह 11 फरवरी को मतगणना के बाद ही पता चलेगा. केजरीवाल अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान विशेषकर स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों को गिनाते हुए इस बार भी पूरे आत्मविश्वास में हैं.

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वर्ष 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही ‘AAP’ का गठन हुआ था और उस चुनाव में दिल्ली में पहली बार त्रिकोणीय संघर्ष हुआ जिसमें 15 वर्ष से सत्ता पर काबिज कांग्रेस 70 में से केवल आठ सीटें जीत पाई जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार बनाने से केवल चार कदम दूर अर्थात 32 सीटों पर अटक गई. आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिलीं और शेष दो अन्य के खाते में रहीं.

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बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के प्रयास में कांग्रेस ने आम आदमी पार्रटी को समर्थन दिया और केजरीवाल ने सरकार बनाई. लोकपाल को लेकर दोनों पार्टियों के बीच ठन गई और केजरीवाल ने 49 दिन पुरानी सरकार से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा और फरवरी 2015 में आम आदमी पार्टी ने सभी राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमानों को झुठलाते हुए 70  में से 67 सीटें जीतीं. भाजपा तीन पर सिमट गई जबकि कांग्रेस की झोली पूरी तरह खाली रह गई.

अगर विकासपुरी विधासभा सीट पर 2015 के वोटों का आंकड़ा देखें तो पता चलता है कि आम आदमी पार्टी के महिंदर यादव 1,32,437 (62.53%) मता के साथ जीत हासिल की जबकि यहां से पहली बार विधायक चुने जाने वाले कांग्रेस के नंद किशोर खिसककर तीसरे स्थान पर चले गए और उन्हें 19,540 (9.23%) मतों से ही संतोष करना पड़ा. वहीं बीजेपी दूसरे स्थान पर रही और पार्टी के उम्मीदवार संजय सिंह को 54,772 (25.86%) वोट मिले.

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विकासपुरी सीट पर 2013 में दूसरी बार विधानसभा चुनाव हुए और आम आदमी पार्टी के महिंदर यादव ने 62030 (34.33%)  वोटों के साथ जीत हासिल की. बीजेपी के कृष्ण गहलोत  61,627(34.10%) मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे वहीं कांग्रेस के नंद किशोर को 47,331 (26.19%) मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहना पड़ा.  

कब होगी मतगणना?

दिल्ली की पहली पूर्ण विधानसभा का गठन 1993 में हुआ था. इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंत्रीपरिषद की व्यवस्था हुआ करती थी. 70 सदस्यीय विधानसभा में एक चरण में मतदान हो रहा है. 8 फरवेरी को वोट डाले जाएंगे तो मतगणना 11 फरवरी को होगी. दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है.

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