बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जीरादेई विधानसभा सीट पर भी दमदार मुकाबला देखने को मिला. 2015 में सीट जनता दल यूनाइटेड के खाते में गई और रमेश सिंह कुशवाहा यहां से विधायक बने वहीं इस सीट पर बीजेपी की भी काफी मजबूत पकड़ देखने को मिलती है. वही अब इस सीट से अमरजीत कुशवाहा को जीत मिली है.
इस विधानसभा सीट पर 3 नवंबर 2020 को मतदान हुआ. इस सीट पर जेडीयू की ओर से कमला सिंह को टिकट दिया है और रमेश सिंह कुशवाहा का टिकट काट दिया है. वहीं महागठबंधन की ओर से सीपीआई (एम) (एल) की ओर से अमरजीत कुशवाहा को टिकट मिली है. यहां 51.85 फीसदी वोट डाले गए. इस सीट पर अमरजीत कुशवाहा को 69442 वोट हासिल हुए. इसके बाद जेडीयू की कमला सिंह को 43932 वोट मिले.
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में जीरादेई विधानसभा सीट से जेडीयू के रमेश सिंह कुशवाहा ने 6091 वोटों से जीत हासिल की थी. रमेश सिंह कुशवाहा ने बीजेपी की आशा देवी को हराया था. वहीं इस सीट पर तीसरे नंबर पर सीपीआई (एमएलएल) की टिकट पर चुनाव लड़ रहे अमरजीत कुशवाहा ने भी कड़ी टक्कर दी थी.
जीरादेई विधानसभा सीट
जीरादेई विधानसभा बिहार के सीवान जिले में स्थित है. 2011 की जनगणना के अनुसार कुल 367965 जनसंख्या 93.6% ग्रामीण है और 6.4% शहरी आबादी है. कुल जनसंख्या में से अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात क्रमशः 10.93 और 4.14 है. 2019 की मतदाता सूची के अनुसार इस निर्वाचन क्षेत्र में 273028 मतदाता और 273 मतदान केंद्र हैं.
2015 विधानसभा चुनाव
जीरादेई विधानसभा सीट पर 2015 में कुल मतदाता 253612 थे. वहीं यहां 135904 लोगों ने मतदान किया था. 2015 के चुनाव में रमेश सिंह कुशवाहा को 40760 वोट हासिल हुए थे. इसके अलावा बीजेपी की आशा देवी को 34669 वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर अमरजीत कुशवाहा को 34562 वोट मिले थे. 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां 53.62% मतदान हुआ था. 2015 में यहां बीजेपी को 25.51% वोट और जेडीयू को 29.99% वोट मिले थे.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
जीरादेई विधानसभा सीट पर किसी एक पार्टी या नेता का ज्यादा प्रभुत्व नहीं देखा जाता है. पिछले कई चुनाव में यहां हर बार विधायकों को बदलते हुए देखा गया है. 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां से जेडीयू के रमेश कुशवाहा जीते थे तो 2010 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी की आशा देवी चुनाव जीती थीं. अक्टूबर 2005 में यहां से जेडीयू के श्याम बहादुर सिंह ने चुनाव जीता था. वहीं इससे पहले 2000 और फरवरी 2005 में इस सीट से अजाजुल हक आरजेडी की टिकट पर चुनाव जीते थे.
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