सीवान जिले के तहत आने वाले रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर हुए चुनावों में आरजेडी उम्मीदवार हरिशंकर यादव ने एक बार फिर जीत का परचम लहराया है. उन्होंने 17965 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. इस सीट पर दूसरे नंबर पर लोजपा उम्मीदवार मनोज कुमार सिंह रहे जिन्हें करीब 50 हजार वोट हासिल हुए. ये वही मनोज कुमार सिंह हैं जिन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और 11 हजार वोटों के अंतर से राष्ट्रीय जनता दल ( RJD) के नेता हरिशंकर यादव से हार गए थे. हालांकि इस बार एनडीए गठबंधन से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और करीब 50 हजार वोट लेकर जेडीयू के गणित को पूरी तरह बिगाड़ दिया.
इस बार के मुख्य उम्मीदवारों को मिले वोट
रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए थे, जहां कुल 53.26% मतदान हुआ.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
यह सीट सिवान लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. जेडीयू नेता कविता सिंह यहां की वर्तमान सांसद हैं और RJD नेता हरिशंकर यादव रघुनाथपुर विधान सभा के वर्तमान विधायक हैं. इस सीट के राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखने पर पता चलता है कि 1951 और उसके बाद के 5 चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस और सोशलिस्ट पार्टियों का कब्जा था.
लेकिन जनता पार्टी के आने के बाद कांग्रेस के वोट बैंक में बड़ा सेंध लगा और नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस की चीर प्रतिद्वंद्वी के रूप में जनता पार्टी ने सोशलिस्ट पार्टी की जगह ले ली. 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार बिक्रम कौर ने इस सीट से जीत हासिल की. हालांकि, इसके बाद लगातार तीन बार यह सीट कांग्रेस के पाले में गई. लेकिन मजबूत जनधार वाली कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर साल 2000 में जीत मिली थी.
इसके बाद यहां पर जेडीयू, बीजेपी, आरजेडी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. दिलचस्प बात यह है कि इस सीट पर जेडीयू और बीजेपी को 1-1 बार जीत मिली है. वहीं साल 2015 में आरजेडी का खाता खुला यानी पहली बार जीत मिली.
सामाजिक ताना-बाना
रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में राजपूत समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है. यही कारण है कि इस सीट पर किसका कब्जा होगा इसका सीधा असर इस बात से होता है कि राजपूत वोट किसके पाले में गिरते हैं या गिरेंगे. आंकड़ों की बात करें तो 2011 की जनगणना के मुताबकि यहां की कुल आबादी 3,95,063 है और इसमें 100 फीसदी लोग ग्रामीण हैं.
इस सीट पर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का भी अच्छा-खासा प्रभाव है. आंकड़ों के मुताबिक यहां 11.49 फीसदी आबादी एससी है और 2.52 फीसदी एसटी.
2015 का जनादेश
2015 के चुनाव में इस सीट से आरजेडी नेता हरिशंकर यादव ने बीजेपी कैंडिडेट रहे मनोज कुमार सिंह को करीब 11 हजार वोटों के अंतर से हराया था. हरिशंकर यादव को 61042 वोट मिले थे वहीं, मनोज कुमार सिंह को 50420 वोट प्राप्त हुए थे. इसके अलावा तीसरे नंबर पर रहे सीपीआईएमएल के उम्मीदवार अमरनाथ यादव को 16714 वोट मिले थे.
वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो 2015 में भाजपा को 34.67 फीसदी और राजद को 41.98 फीसदी वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर रही सीपीआईएमएल के उम्मीदवार को भी 11.49 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे.
2019 की मतदाता सूची के अनुसार, इस निर्वाचन क्षेत्र में 2,94,744 मतदाता और 287 मतदान केंद्र हैं. 2015 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर 54.78 फीसदी वोटिंग हुई थी और 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदाता प्रतिशत 54.84 फीसदी रहा था.
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