बिहार के महनार विधानसभा सीट पर वोटों की गिनती खत्म हो चुकी है. महनार विधानसभा सीट से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली बीना सिंह ने जेडीयू के उमेश सिंह कुशवाहा को हरा दिया है. उमेश कुशवाहा की हार का एक कारण लोजपा उम्मीदवार रविंद्र कुमार सिंह को भी माना जा रहा है जिन्होंने एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगाते हुए 31315 प्राप्त किए. इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए, यहां कुल 54.43% मतदान हुआ. इस सीट पर जेडीयू के सीटिंग विधायक उमेश सिंह कुशवाहा और आरजेडी की बीना सिंह आमने-आमने थे. पिछले चुनाव में इस सीट से बीजेपी और जेडीयू नेता आमने-सामने थे, जिसमें जेडीयू के उमेश सिंह कुशवाहा को जीत हासिल हुई थी. बिहार में विधानसभा चुनाव के तहत तीन चरणों में हुए चुनावों में इस बार कुल 59.94 फीसदी वोटिंग हुई है.
इस बार के मुख्य उम्मीदवारों को मिले वोट
राजनीतिक पृष्ठभूमि
महनार विधानसभा सीट पर एनडीए का दबदबा माना जाता है. साल 2008 के परिसीमन के बाद दोबारा अस्तित्व में आई महनार सीट पर चुनाव महागठबंधन के टूट जाने से और रोचक हो गया है. इससे पहले यहां सिर्फ एक बार 1957 में विधानसभा चुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार बनारसी देवी ने जीत हासिल की थी.
इसके बाद 2010 में यहां विधानसभा चुनाव हुए और बीजेपी उम्मीदवार डॉक्टर अच्युतानंद ने बाजी मार ली. उन्होंने लोजपा के रामा किशोर सिंह को हराया. हालांकि अगले ही चुनाव यानी 2015 में बीजेपी उम्मीदवार रहे अच्युतानंद को जेडीयू के हाथों मुंह की खानी पड़ी.
समाजिक ताना-बाना
महनार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार के वैशाली जिले में स्थित है और हाजीपुर (एससी) लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. 2011 की जनगणना के अनुमान के अनुसार यहां करीब 406768 आबादी है, इसमें 88.13 फीसदी ग्रामीण लोग हैं और 11.87% फीसदी शहरी लोग हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लोगों की आबादी 21.54 फीसदी है.
2015 का जनादेश
2015 के विधानसभा चुनावों में महनार सीट से जेडीयू के उमेश सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के अच्युतानंद को 27 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में उमेश सिंह कुशवाहा को 69825 वोट मिले थे, जबकि अच्युतानंद के पाले में सिर्फ 43370 वोट ही गिरे थे.
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