बिहार की लालगंज सीट से भारतीय जनता पार्टी के संजय सिंह ने शानदार जीत दर्ज की है. इस सीट को लोजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया जाता रहा है. यह इसलिए भी है क्योंकि 2015 के विधानसभा चुनावों में जिन दो सीटों पर राम विलास पासवान की लोजपा को जीत मिली थी उनमें से एक सीट गोविंदगंज रही और दूसरी लालगंज. लालगंज सीट पर पिछले 4 बार के विधानसभा चुनावों में यहां से दो बार लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और दो बार जेडीयू (JDU) को सफलता मिली है. हालांकि, इस बार के चुनाव में लोजपा को हार हाथ लगी. पार्टी के उम्मीदवार राज कुमार सिंह को सिर्फ 11281 वोट प्राप्त हुए. बिहार की लालगंज विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए, यहां कुल 57.87% मतदान हुआ.
इस बार के मुख्य उम्मीदवार
राजनीतिक पृष्ठभूमि
बिहार की लालगंज विधानसभा सीट बाहुबली नेता और पूर्व जेडीयू विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला के नाम से जानी जाती है. बताया जाता है कि इस सीट पर उनके नाम का दबदबा है. हालांकि पिछले चुनाव में इस दबदबे को लोजपा प्रत्याशी राजकुमार साह ने तोड़ दिया था और मुन्ना शुक्ला को 20 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.
साल 2000 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाले मुन्ना शुल्का का दबदबा इस कदर रहा कि तमाम कोशिशों के बाद भी साल 2000 के बाद से इस सीट पर आरजेडी और बीजेपी को जीत नसीब नहीं हुई. मुन्ना शुक्ला यहां से तीन बार विधायक रहे, इसमें लोजपा विधायक राज कुमार साह को दो बार उन्होंने हराया.
दिलचस्प बात ये है कि मुन्ना शुल्का ने 2005 में लोजपा का दामन थामा और इसके बाद पार्टी छोड़कर नीतीश कुमार के साथ हो लिए. मुन्ना शुक्ला एक बार निर्दलीय, एक बार लोजपा और एक बार जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीते. हालांकि, इसके बाद उन्हें ब्रिज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में दोषी पाया गया और उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग गया.
जेडीयू ने इसके बाद उनकी पत्नी को 2010 के चुनाव में टिकट थमाया और अन्नू शुल्का ने राज कुमार साह को 24 हजार वोटों के भारी अंतर से हराया.
समाजिक ताना-बाना
लोजपा के लिए नाक का सवाल बन चुकी लालगंज सीट पर 92.16 फीसदी लोग ग्रामीण हैं और 7.84 फीसदी लोग शहरी आबादी वाले हैं. वहीं, इस सीट पर जीत में अनुसूचित जाति (एससी) के वोटर्स की अहम भूमिका होती है. यहां एससी वर्ग की आबादी 21.23 फीसदी है.
2015 का जनादेश
2015 के विधानसभा चुनावों में लोजपा के राज कुमार साह ने बाहुबली नेता और जेडीयू के उम्मीदवार विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को 20293 वोटों के अंतर से हराया था. 2015 में यहां 56.78 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें राज कुमार साह को 80,842 वोट मिले थे और जेडीयू के मुन्ना शुक्ला को 60549 वोट.
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