दीघा विधानसभा सीट पर बीजेपी के संजीव चौरसिया ने 46 हजार वोटों से जीत हासिल की है. इस सीट पर दूसरे स्थान पर रहे हैं सीपीआई (एमएल) के शशि यादव. इस सीट पर शशि यादव को लगभग 51 हजार वोट मिले हैं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक संजीव चौरसिया को 57.01 प्रतिशत वोट मिला है. जबकि शशि यादव को 29.98 प्रतिशत वोट मिला.
दीघा विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए थे, यहां पर मतदान कम हुआ था. कुल 36.86 फीसदी लोगों ने ही वोट डाला था. पटना लोकसभा क्षेत्र के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र दीघा में अभी भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. ये विधानसभा सीट ज्यादा पुरानी नहीं है, ऐसे में नई समीकरणों के साथ हर किसी की नजर यहां पर टिकी रहती है.
इधर अगर बिहार के अंतिम नतीजों में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार 243 में से 125 सीटों पर विजयी रहे हैं. यह बहुमत के लिए जरूरी 122 के जादुई आंकड़े से तीन अधिक है. जबकि आरजेडी की अगुवाई वाले विपक्षी महागठबंधन को 110 सीटों पर जीत मिली है.
कौन-कौन थे मैदान में?
एनसीपी – जय प्रकाश रे
आरएलएसपी – संजय कुमार सिन्हा
बीजेपी – संजीव चौरसिया
सीपीआई (एमएल) – शशि यादव
चुनाव की तारीख
दूसरा चरण – 3 नवंबर
नतीजा – दस नवंबर
क्या कहता है सामाजिक तानाबाना?
पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा दिखता रहा है. इसकी खास वजह शहरी वोटरों का होना है, इसी का असर यहां भी दिखता आया है. हालांकि, जाति फैक्टर भी काम करता है. दीघा विधानसभा में महिला वोटरों की संख्या भी अधिक है. यहां कुल वोटरों की संख्या चार लाख के पार है, जिसमें से करीब 2.35 लाख पुरुष और दो लाख से अधिक महिलाएं वोटर हैं.
2015 में क्या रहे थे चुनावी नतीजे?
2010 में इस सीट पर पहली बार चुनाव हुआ तो जदयू की पूनम देवी ने बाजी मारी थी. लेकिन पिछले चुनाव में जदयू ने अपने प्रवक्त राजीव रंजन को मौका दिया, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी के संजीव चौरसिया ने मात दे दी. संजीव चौरसिया को 92 हजार तो जदयू नेता को सिर्फ 62 हजार के करीब वोट मिल पाए थे.
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