बिहार के सीवान लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले दरौंदा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार करणजीत उर्फ व्यास सिंह ने लेफ्ट के अमरनाथ यादव को 11320 वोटों के अंतर से हरा दिया है. दरौंदा विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए थे और यहां कुल 50.98% मतदान हुआ था.
इस बार के मुख्य उम्मीदवारों को मिले वोट
महज 12 वर्ष पहले अस्तित्व में आए इस विधानसभा सीट की चुनावी चर्चा दिल्ली तक सुनाई देती रही है. इस सीट पर अभी तक दो बार विधानसभा चुनाव हुए और दोनों ही बार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल यूनाइटेड (JDU) का कब्जा रहा. हालांकि, 2015 में जीत हासिल करने वाली कविता सिंह के 2019 में सीवान लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद यहां उपचुनाव हुए और इस उपचुनाव में भी जबरदस्त रोमांच रहा. इस बार यहां से बीजेपी से करणजीत उर्फ व्यास सिंह ने जीत दर्ज की है.
सामाजिक ताना-बाना
दारौंदा विधानसभा क्षेत्र बिहार के सीवान जिले में स्थित है और सिवान लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यहां की 100 फीसदी आबादी ग्रामिण है. वहीं, कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी का हिस्सा 11.78 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात 3.22 फीसदी है. इस सीट पर 2015 के विधानसभा चुनावों में 52.49% वोटिंग हुई थी. वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों में वोटिंग परसेंटेज 51.8 फीसद रहा था.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
2008 में भारत के परिसीमन आयोग के आदेशों के लागू होने के बाद दारौंदा अस्तित्व में आया. इस सीट पर 2010 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए और जद (यू) की जगमातो देवी को दारौंदा के पहले विधायक होने का सम्मान मिला. उन्होंने 49,115 वोट पाकर जीत हासिल की और राजद के बिनोद कुमार सिंह को 31,135 मतों के अंतर से हराया. दारौंदा विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,67,066 वोटर हैं, जिसमें 1,40,923 पुरुष और 1,26,138 महिलाएं शामिल हैं.
2010 के विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर पहली बार चुनाव हुए और जेडीयू उम्मीदवार जगमातो देवी ने आरजेडी के विनोद कुमार सिंह को 31 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से मात दी. इसी के साथ जगमातो देवी इस सीट से पहली विधायक चुनी गईं. हालांकि, उनके निधन के बाद बहू कविता सिंह ने उनकी राजनीतिक विरासत को संभाला और 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार जीतेंद्र स्वामी को 13 हजार वोटों से हरा दिया.
इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनावों में एनडीए गठबंधन की ओर से कविता सिंह को उम्मीदवार बनाया गया और उन्होंने बाहुबली शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शेहाब को भारी मतों से हराकर जीत हासिल की.
2015 का जनादेश
2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से पूर्व विधायक जगमातो देवी की बहू और दबंग कहलाने वाले अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह ने जेडीयू की तरफ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. ये वो समय था जब जेडीयू-आरजेडी एक थे और बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे थे. 2015 में जेडी (यू) की कविता सिंह को 43.67 फीसदी वोट मिले थे, वहीं, भाजपा को 34.95 फीसदी वोट मिले थे. 2015 में विधायक का चुनाव जीतने वाली कविता सिंह ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 16.42 फीसदी वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी.
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