Muzaffarpur: इस मंदिर पर सहस्त्र अभिषेक का खास महत्व, जानिए क्यों?

बिहार में प्रथम चरण का मतदान 28 अक्टूबर को है. कोरोना काल में हो रहा चुनाव प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. एक ओर जहां संक्रमण को बढ़ने से रोकने का दबाव है, तो वहीं दूसरी ओर मतदान फीसद बढ़ाने की भी टेंशन हैं.

Advertisement
कोरोना रिकवरी रेट पहुंचा 94.32 फीसद. कोरोना रिकवरी रेट पहुंचा 94.32 फीसद.

मणिभूषण शर्मा

  • पटना,
  • 24 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST
  • नवरात्रि में पूजा का विशेष महत्व
  • मंदिर में स्थापित है सहस्त्र दल महायंत्र
  • मंदिर को भवानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है

बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान से पहले कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने लगा है. हर दिन की बात करें, तो 1000 से अधिक मरीज सामने आ रहे हैं. शुक्रवार को 1093 नये मरीजों की पहचान हुई. वहीं राहत की खबर ये भी है

मुजफ्फरपुर की मां पीतांबरी सिद्धपीठ पर आज मां बगलामुखी और प्रतिमा के सामने स्थापित सहस्त्र दल महायंत्र का अभिषेक किया गया. सैकड़ों लीटर गाय के दूध से होने वाले इस अभिषेक का नवरात्रि के दिनों में बड़ा महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि सच्चे मन से जो भी भक्त दर्शन करता है, उसकी हर मुराद पूरी हो जाती है.  

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV 

बताया जाता है कि वर्षों पहले भवानी मिश्र ने बंगाल के प्रसिद्ध तांत्रिक के द्वारा इस मंदिर की स्थापना कराई गई थी. इसलिए इस मंदिर को भवानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर पर नवरात्रि का समय बेहद खास माना जाता है. तिरछी नेत्र वाली मां दुर्गा की प्रतिमा के ठीक सामने सहस्त्र दल महायंत्र स्थापित है. कहा जाता है कि सहस्त्र दल महायंत्र के दर्शन मात्र से हर इच्छा पूरी हो जाती है. 

चार घंटे तक चला सहस्त्र अभिषेक
बगलामुखी मंदिर में सहस्त्र अभिषेक की प्रक्रिया करीब चार घंटे तक चली. सैकड़ों लीटर गाय के दूध से मां बगलामुखी और प्रतिमा के सामने स्थापित सहस्त्र दल महायंत्र का अभिषेक किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ रही. मंदिर के महंत अजीत कुमार ने बताया कि सहस्त्र अभिषेक में गाय के दूध के साथ ईख का रस, गुलाबजल, इत्र, हल्दी और फूलों का प्रयोग किया जाता है.

Advertisement

ये भी पढ़ें

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement