बिहारीगंज विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) की ओर से जनता दल(यूनाइटेड) के प्रत्याशी निरंजन कुमार मेहता को महागठबंधन की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी सुभाषिनी बुंदेला के खिलाफ भारी जीत मिली है. निरंजन कुमार मेहता ने कुल 18,711 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ जीत दर्ज की है.
निरंजन कुमार मेहता को कुल 81,531 वोट पड़ा, वहीं सुभाषिनी बुंदेला को 62,820 लोगों ने वोट किया. जेडीयू को कुल 43.63 फीसदी वोट मिले, वहीं कांग्रेस को 33.61 फीसदी मत हासिल हुए. तीसरे नंबर पर लोक जनशक्ति पार्टी रही, जिसकी ओर से विनय कुमार सिंह चुनाव लड़े थे. उन्हें कुल 8,764 वोट मिले, और कुल 4.69 फीसदी लोगों ने वोट किया. चौथे नंबर पर संयुक्त विकास पार्टी की शकुंतला देवी रहीं, जिन्हें 4,883 वोट हासिल हुए.
60.19 फीसदी लोगों ने किया वोट
बिहारीगंज विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण के तहत 7 नवंबर को मतदान हुआ था. इस सीट पर कुल 60.19% फीसदी वोटरों ने वोट डाला. चुनावी समर में जीत जेडीयू ने दर्ज की.
सीट का इतिहास
मधेपुरा जिले की बिहारीगंज विधानसभा सीट साल 2010 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. पूर्णिया जिले से सटी इस विधानसभा सीट पर सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड का कब्जा है. विकास के लिहाज से काफी पिछड़े इस विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के निरंजन कुमार मेहता विधायक हैं. जेडीयू ने इस दफे भी निरंजन कुमार मेहता को ही मैदान में उतारा है.
निरंजन का मुकाबला इस दफे विपक्षी महागठबंधन की उम्मीदवार सुभाषिनी शरद यादव और जन अधिकारी पार्टी के प्रभाष कुमार से रहा. निरंजन ने पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रवींद्र को हराया था. निरंजन कुमार मेहता 78 हजार 361 वोट पाकर विजयी रहे थे. जबकि, भाजपा के रवींद्र को 49 हजार 108 वोट मिले थे. रवींद्र को 28 हजार से अधिक वोट से मात खानी पड़ी थी.
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पुरुष मतदाताओं की संख्या अधिक
बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की बात करें तो यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या अधिक है. इस विधानसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की भागीदारी 51.85 फीसदी है. महिला मतदाताओं की भागीदारी 48.15 फीसदी है. बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र में कुल 2 लाख 84 हजार 140 मतदाता हैं.
पिछले चुनाव में पड़े थे कितने वोट
पिछले चुनाव यानी साल 2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र में 50 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था. पिछले चुनाव में बिहारीगंज के 1 लाख 73 हजार 208 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था.
15 से अलग रहे समीकरण
बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र में इस बार पिछले चुनाव की अपेक्षा हालात अलग रहे. 2015 के चुनाव में जेडीयू, लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन में शामिल थी. 2020 में हालात बिल्कुल अलग रहे. इस बार पिछले चुनाव की दो प्रतिद्वंदी पार्टियां जेडीयू और भाजपा साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं सत्ताधारी गठबंधन के सामने आरजेडी और कांग्रेस की चुनौती है.
विकास रहा चुनावी मुद्दा
बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र विकास के मामले में पिछड़ा हुआ है. इलाके में सड़क निर्माण के कुछ काम हुए हैं, लेकिन वे भी नाकाफी ही हैं. इलाकाई लोग बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों ने वादे तो बहुत किए, लेकिन वादे धरातल पर नहीं उतर सके. सत्ताधारी दल का विधायक होने के बावजूद विकास कार्य उतने नहीं हो सके, जितनी लोगों को उम्मीदें थी. जेडीयू प्रत्याशी से एक बार फिर लोगों ने उम्मीद जताई और उन्हें चुनकर विधानसभा भेजा.
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