बनमनखी विधानसभा सीट पर 58.71% वोटिंग, लगातार 5 बार से है बीजेपी का कब्जा

साल 2005 में बीजेपी के सीटिंग विधायक देवनारायण रजक का टिकट काटकर पार्टी ने कृष्ण कुमार ऋषि को उम्मीदवार बनाया था. उसके बाद से वो लगातार चुनाव जीते हैं.

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Banmankhi Vidhan Sabha constituency (फाइल फोटो) Banmankhi Vidhan Sabha constituency (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST
  • 6 बार कांग्रेस और इतनी ही बार बीजेपी जीती है
  • कांग्रेस 1985 के बाद से यहां से नहीं जीत पाई है
  • 2015 में कृष्ण कुमार महज 708 वोट से जीते थे

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. ऐसे में बनमनखी विधानसभा पर सबकी नजरें हैं. इस सीट पर 6 बार कांग्रेस और इतनी ही बार बीजेपी जीती है, लेकिन पिछले 5 बार से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. यहां तीसरे चरण के तहत 7 नवंबर को 58.71% वोटिंग हुई है.  

2015 में जेडीयू के महागठबंधन में चले जाने के बाद भी यहां का सियासी गणित नहीं बदला था, लेकिन इस सीट पर लड़ाई रोचक हुई थी. नीतीश सरकार में पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि कांटे की टक्कर में आरजेडी के संजीव कुमार पासवान से महज 708 वोटों के अंतर से ही चुनाव जीत पाए थे.

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साल 2005 में बीजेपी के सीटिंग विधायक देवनारायण रजक का टिकट काटकर पार्टी ने कृष्ण कुमार ऋषि को उम्मीदवार बनाया था. उसके बाद से वो लगातार चुनाव जीते हैं. मौजूदा सरकार में पहले तो उन्हें कला संस्कृति एवं युवा विभाग और बाद में पर्यटन विभाग का मंत्री बनाया गया.

वोटरों की संख्या- 283039
पुरुष- 51.92%
महिलाएं- 48.08%
पोलिंग स्टेशन-249

 

विधानसभा का इतिहास

बनमनखी विधानसभा का गठन 1962 में हुआ था तब से लेकर अब तक यह अनुसूचित जाति कोटे के लिए आरक्षित है. साल 2010 में हुई नई परिसीमन में बीकोठी प्रखंड की छह नई पंचायतों को जोड़ा गया. इससे पहले बीकोठी की पांच पंचायतें इसमें शामिल थी. चीनी मिल के कारण नब्बे के दशक तक ये इलाका गन्ना उत्पादक बना रहा, लेकिन मिल बंद होने के बाद अब नकदी फसल मक्का ही है.

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इन उम्मीदवारों पर रहेगी नजर 

इस सीट से 21 नामांकन दाखिल हुए थे, जिसमें 18 स्वीकार किया गया, जबकि 1 रिजेक्ट और 2 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस ले लिया था. 

1- कृष्ण कुमार ऋषि (BJP)
2- उपेंद्र शर्मा (RJD)

एग्जिट पोल में किसे कितनी सीट?

•    महागठबंधन को 139 से 161 सीटें
•    एनडीए को 69 से 91 सीटें 
•    लोजपा को 3 से 5 सीटें 
•    GDSF को 3 से 5 सीटें
•    अन्य को 3 से 5 सीटें 


 

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