बंगाल की सियासत इस बार किस करवट बदलेगी, इसका फैसला 2 मई को होगा, लेकिन उससे पहले गठबंधन को लेकर सियासी दलों में घमासान जारी है. कांग्रेस पार्टी ने इस बार बंगाल चुनाव में लेफ्ट पार्टियों के साथ-साथ अब्बास सिद्दीकी से हाथ मिलाया है. वहीं, अब्बास सिद्दीकी के चाचा फुरफुरा शरीफ के पीरजादा तोहा सिद्दीकी टीएमसी के समर्थन में हैं.
आजतक से खास बातचीत में तोहा सिद्दीकी ने कहा कि यहां हिंदू-मुसलमान सांप्रदायिकता के खिलाफ वोट करेंगे. अब्बास सिद्दीकी अभी बच्चा है. दो महीने पहले पार्टी बनाई है. अब्बास ने एक 'नॉलेज सिटी' बनाने के नाम पर आम जनता से बहुत पैसा इकट्ठा किया था. कांग्रेस लेफ्ट की बैठक के बाद अब्बास कामरेड बन गया है.
जिस वक्त वाम मोर्चा ने कहा था कि मदरसे पश्चिम बंगाल में सभी आतंकवादी सक्रियता के केंद्र हैं, तब से लेफ्ट की सियासत ढलती चली गई. अब अब्बास उनसे जुड़ रहे हैं. वह कैसे हो सकते हैं एक पीरजादा? बंगाल भाईचारे की भूमि है न कि सांप्रदायिकता की और मैं भाईचारे के लिए लड़ने वाले हर व्यक्ति का समर्थन करूंगा.
बता दें कि अब्बास सिद्दीकी अपने इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ चुनाव में करीब 30 सीटों पर मैदान में उतरेंगे. वे आईएसएफ के प्रमुख तो हैं हीं, पर खास बात ये है कि वे बंगाल की मशहूर दरगाह फुरफुरा शरीफ के पीरजादा हैं.
सूर्याग्नि रॉय