जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने आजतक के खास कार्यक्रम 'पंचायत आजतक' में शिरकत की और तमाम सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. उन्होंने बताया कि वह डोर-टू-डोर कैंपेन कर रहे हैं और लोगों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का है. बुखारी ने कहा कि वो किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं.
अपनी पार्टी के नाम को लेकर अल्ताफ बुखारी ने कहा, 'हमने पार्टी का नाम यह सोचकर रखा कि यह लोगों को अपनी पार्टी लगे. इसका संबंध किसी खानदान से नहीं है.' उनसे पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर का वर्तमान चुनाव पिछले चुनावों से कितना अलग है और राजनीतिक दलों के लिए क्या चुनौतियां हैं.
'अधिकार चाहिए तो वोट का इस्तेमाल करो'
बुखारी ने जवाब दिया, 'पिछले पांच साल में हम जैसी पार्टियों ने मेहनत की है. उस वक्त अंधेरा छाया हुआ था. 5 अगस्त 2019 काला दिन था, ये सच है. ऐसे में हिम्मत जुटाना और लोगों से कहना कि जिंदगी को चलना है. हमने बहुत बुरा-भला भी सुना. हमने लोगों से कहा कि अगर अपने अधिकार वापस चाहिए तो अपने वोट का इस्तेमाल करो.'
'सबसे बड़ा मुद्दा है बेरोजगारी'
विपक्षी दलों की ओर से बीजेपी की 'बी टीम' कहे जाने पर बुखारी ने कहा, 'कश्मीरी हमेशा दिल्ली को शक की नजर से देखता है. इसलिए नहीं कि ये कोई साइकलॉजिकल इफेक्ट है बल्कि इसलिए क्योंकि दिल्ली ने हमारे साथ 74 साल में वैसा ही किया है. ये बहुत आसान नैरेटिव है. जो भी नया आता है उसे 'बी टीम' कह दो. लोग समझते हैं, लोग फैसला करेंगे.'
फारूक अब्दुल्ला के टोपी उतारने पर उन्होंने कहा, 'वो उनके दिल से निकली अपील थी. हम जो लोग राजनीति में हैं, हमारा भी दिल होता है.' उन्होंने कहा, 'मैं डोर-टू-डोर कैंपेन कर रहा हूं. सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का है. हर घर में दो-दो तीन-तीन लोग ग्रेजुएट बैठे हैं.'
'हम किसी भी गठबंधन के साथ नहीं'
उन्होंने कहा, 'हम किसी भी गठबंधन के साथ नहीं हैं. अगर हमें कामयाबी मिली तो हम लोगों के बीच जाएंगे. यहां जितनी नफरत कांग्रेस के लिए है, उतनी ही नफरत बीजेपी के लिए भी है क्योंकि दिल्ली की सरकारों ने यहां सिर्फ खून-खराबा करवाया है.'
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