कल्पना रमेश: वो महिला जिसने बूंद-बूंद पानी बचाकर कर दिया कमाल

अब हैदराबाद की रहने वाली कल्पना रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्व‍िटर हैंडल संभाला है. वाटर वरियर के नाम से मशहूर कल्पना के बारे में ये हैं खास बातें. जानें उन्होंने पीएम के ट्विटर से क्या बात कही.

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कल्पना रमेश (Twitter) कल्पना रमेश (Twitter)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

हैदराबाद में रहने वाले लोगों के लिए साफ पानी तक पहुंच एक स्थायी समस्या है. आज भी शहर के लिए पेयजल संकट का स्थायी समाधान होना बाकी है. यहां घुटी हुई नदियां और झाग वाली झीलें खूबसूरती तो देती हैं लेकिन पेयजल की समस्या जस की तस है. इस समस्या से लड़ने वाली कल्पना आज प्रधानमंत्री के ट्व‍िटर हैंडल से ट्वीट करके चर्चा में हैं. आइए जानें कौन हैं कल्पना रमेश, क्यों वाटर वरियर के नाम से हैं मशहूर.

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जानें पीएम के ट्विटर पर वीडियो में क्या कहा

कल्पना ने बताया कि शादी के बाद में अमेरिका में रहने गईं. वहां से लौटकर मैंने देखा कि हैदराबाद में पानी की समस्या बहुत ज्यादा थी. वहीं से मुझे रेन वाटर हार्वेस्ट‍िंग का आइडिया आया और मैंने घर से कम्युनिटी तक वाटर इन हाउस होल्ड मुहिम चलाई

पूरा वीडियो इस ट्वीट में सुनिए.

Be a warrior but of a different kind!

Be a water warrior.

Have you ever thought about water scarcity? Each one of us can collectively act to create a water secure future for our children

Here is how I am doing my bit. @kalpana_designs pic.twitter.com/wgQLqmdEEC

— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020

पढ़ें कल्पना की पूरी कहानी

एक दशक से ज्यादा का समय बीत गया जब वो अमेरिका से हैदराबाद श‍िफ्ट हुई थीं. एक आर्किटेक्ट के तौर पर काम करने वाली कल्पना टैंकर और पानी की बोतलों के लिए शहर की निर्भरता से परेशान थीं. कल्पना को पानी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए साप्ताहिक आधार पर टैंकरों का ऑर्डर देना पड़ता था. हैदराबाद में ये एक कॉमन प्रॉब्लम थी.

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कल्पना के दिमाग में उसी समय एक आइडिया आया और उन्होंने अपने पति के साथ अपनी ही छत पर वर्षा जल संचयन (रेन वाटर हार्वेस्ट‍िंग) शुरू कर दी. इससे उन्हें काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला तो उन्होंने घरों के वाश बेसिन और सिंक्स से निकलने वाले पानी को रिसाइकल करने का प्लान बनाया. इससे उन्हें पौधों को सींचने का पर्याप्त पानी मिलने लगा.

घरेलू स्तर पर शुरू हुई ये कोश‍िश धीरे-धीरे बड़ी होने लगी. आज पानी के प्रबंधन की ये पहल झीलों और नदियों के संरक्षण के लिए एक शहर-आधारित परियोजना में बदल गई है, जिसमें सरकार और वन अधिकारियों ने भी कल्पना के साथ हाथ मिलाया है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा था कि इस महिला दिवस पर मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स उन महिलाओं को समर्पित कर दूंगा, जिनकी जिंदगी और काम हम सभी को प्रेरित करता है. इससे ये महिलाएं लाखों लोगों का हौसला बढ़ाने में मदद कर सकेंगी. अगर आप भी ऐसी महिला हैं या दूसरों के लिए प्रेरणा बनने वाली महिलाओं के बारे में जानती हैं तो उनकी कहानी #SheInspiresUs पर साझा करें. इस हैशटैग के साथ महिलाएं अपनी कहानी साझा करेंगी.

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