रेलवे स्टेशन पर आपने कभी न कभी 'यात्रीगण कृपया ध्यान दें ट्रेन नंबर...' वाक्य जरूर सुना है. क्या आपको पता है कि आकर्षक लहजा और खूबसूरत आवाज के पीछे कौन है. आइए आपको बताते हैं इस खूबसूरत आवाज की मालकिन सरला चौधरी के बारे में. करीब 28 साल से रेलवे स्टेशन पर इनकी आवाज गूंज रही है. पहले वो रोज खुद अनाउंस करती थीं, बाद में उनकी आवाज को रिकॉर्ड करके बजाया गया. जानें- कौन हैं सरला चौधरी, कैसे रेलवे ने इनकी आवाज को दी पुख्ता पहचान.
फिलहाल कुछ महीनों से सरला चौधरी रेलवे में एनाउंसर के पद पर नहीं है लेकिन उनकी आवाज रेलवे में एक पहचान बन चुकी है. बता दें कि सरला चौधरी ने साल 1982 में रेलवे में एनाउंसर के पद पर अप्लाई किया था. इसमें उन्हें टेस्ट पास करना पड़ा. फिर यहां से शुरू हुआ उनका दैनिक मजदूरी पर काम करने का सिलसिला. वो रेलवे में दैनिक कार्य के भुगतान के आधार पर काम करती थीं. फिर साल 1986 में यानी चार साल बाद उनका पद स्थायी हो गया था.
ऐसे होती थी रिकॉर्डिंग
ये वो दौर था जब कंप्यूटर नहीं थे, तब उन्हें इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती थी. बताते हैं कि तब उन्हें अलग अलग स्टेशन पर जाकर ट्रेनों के बारे में एनाउंस करना होता था. उनके एक इंटरव्यू के अनुसार तब रेलवे की एक घोषणा को रिकॉर्ड करने में 3 से 4 दिन लग जाते थे. उन घोषणाओं को अलग-अलग भाषाओं में रिकॉर्ड करना था. फिर समय बदलने के साथ नई तकनीकें आईं और रेलवे ने रेलवे स्टेशन के सारे एनाउंसमेंट संभालने की जिम्मेदारी ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम को सौंप दी.
आज भी गूंजती है उनकी आवाज
सरला चौधरी करीब 12 साल पहले एनाउंसमेंट का काम छोड़ OHE विभाग में कार्यालय अधीक्षक पद पर तैनात हो गई थीं. ऐसे में सरला की आवाज को स्टैंड बाय मोड पर सेव कर लिया गया. आज भी जब हम ट्रेन में यात्रा करने के लिए निकलते हैं तो उनकी आवाज कानों में जरूर गूंजती है. सरला चौधरी की आवाज में 'यात्रीगण कृपया ध्यान दें' सुनते ही यात्री चौकन्ने होकर अपनी ट्रेन के समय आदि के बारे में सुनने लगते हैं. सरला चौधरी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें तब बहुत खुशी होती है जब वो लोगों को अपनी आवाज की तारीफ करते हुए सुनती हैं. लोग उन्हें बिना जाने भी उनकी आवाज की तारीफ करते हैं तो उन्हें ये जानकर बहुत अच्छा लगता है.
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