संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् (UNHRC) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. भारत ने यूएनएचआरसी के इस कदम की तीखी आलोचना की है और कहा है कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और देश की सम्प्रभुता से जुड़े मुद्दे पर ''किसी विदेशी" पक्ष का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं बनता है. लेकिन यूएनएचआरसी का तर्क है कि सुनवाई में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, मानदंडों और मानकों पर भी विचार करने की आवश्यकता है.
ये अर्जी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैश्लेट जेरिया की ओर से दायर की गई है. अर्जी में कहा गया है कि वो इस मामले में मानवाधिकारों की रक्षा व उसे बढ़ावा देने और उस संबंध में आवश्यक वकालत करने के लिए मिले अधिदेश के आधार पर न्यायमित्र (तीसरे पक्ष) के तौर पर हस्तक्षेप करना चाहती हैं.
जानें क्या है UNHRC
यूएनएचआरसी का पूरा नाम संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् (United Nations Human Rights Council) है. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है. यूएनएचआरसी की स्थापना यूएन जनरल असेंबली द्वारा 15 मार्च 2006 में की गई थी.
यूएन मानवाधिकार आयोग (UNCHR - UN Commission on Human Rights) की जगह यूएनएचआरसी की स्थापना की गई थी. यूएनसीएचआर मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR - Office of the High Commissioner for Human Rights) के साथ जुड़कर काम करता है. शरणार्थियों के अधिकारों को लेकर भी ये संस्था पूरे विश्व में काम करती है.
ये संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का एक अंग है, जिसका मूल उद्देश्य दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा करना है. इस परिषद में 47 सदस्य होते हैं. क्षेत्रीय समूह के आधार पर इनका कार्यकाल तीन साल के लिए निर्धारित किया जाता है. इसमें एक सदस्य लगातार दो बार से ज्यादा चुना नहीं जा सकता और एक से ज्यादा पद पर कार्य नहीं कर सकता.
इस परिषद के 47 सदस्यों का चुनाव जनरल असेंबली के सदस्यों द्वारा किया जाता है. बता दें कि UNHRC में कुल पांच क्षेत्रीय समूह हैं - ये अफ्रीका, एशिया, पूर्वी यूरोप, लैटिन अमेरिका व कैरिबियन और पश्चिमी यूरोप व अन्य हैं.
इसमें अफ्रीका को यूएनएचआरसी में 13 सीटें, एशिया को 13, पूर्वी यूरोप को 6, लैटिन अमेरिका को 8, पश्चिमी यूरोप को 7 सीटें मिली हुई हैं. अगर यूएनएचआरसी का कोई सदस्य अपने कार्यकाल के दौरान मानवाधिकार का उल्लंघन करता है तो परिषद उससे उसके अधिकार व सुविधाएं छीन सकता है. इसके लिए जनरल असेंबली के दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है.
वैसे यूएनएचआरसी के साल में तीन सत्र मार्च, जून और सितंबर में होते हैं. लेकिन आपातकालीन परिस्थितियों में परिषद कभी भी सत्र आयोजित कर सकता है. इसके लिए सदस्य देशों के एक-तिहाई बहुमत की जरूरत होती है.
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