जानें- भारत का हेल्थ इंडेक्स, क्या Corona जैसे खतरों के लिए तैयार हैं हम

भारत में कोरोना ने दस्तक दे दी है. देश भर में अब तक एक दर्जन से ज्यादा केसों में पॉजि‍टिव रिपोर्ट आई है. चीन सहित दुनिया के दूसरे देशों में भी कोरोना को लेकर हलचल मची है. आइए जानते हैं कि दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में स्वास्थ्य रैंकिंग में हम कहां पर हैं और कितना तैयार हैं.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST

दिल्ली एनसीआर में कोराेना को लेकर लोगों के दिलों में चिंता घर कर गई है. विभ‍िन्न संस्थानों में एडवाइजरी जारी करके इससे बचने के तरीके खोजे जा रहे हैं. स्वास्थ्य चिंताओं के ऐसे माैकों पर सरकारी और गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की तरफ लोग उम्मीद से देखते हैं. आइए जानें कि ग्लोबल हेल्थ रैंकिंग में हम कहां पर हैं. तमाम प्लेटफॉर्म में भारत हेल्थ रैंकिंग में कहां गिना जाता है.

Advertisement

साल 2019 के वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा सूचकांक के अनुसार 195 देशों में भारत 57वें स्थान पर है. सूचकांक से यह भी पता चलता है कि अधिकतर देश किसी भी बड़े संक्रामक रोग से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं. इस सूची में केवल 13 देश है जो शीर्ष पर रहे हैं. इनमें से अमेरिका पहले स्थान पर है. बता दें कि वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा सूचकांक विश्व स्तर पर महामारी और महामारी के खतरों का पहला व्यापक मूल्यांकन है.

ये सूचकांक स्वास्थ्य की आपात स्थितियों को रोकने और उनका निराकरण करने के लिए प्रत्येक देश की क्षमता का आकलन करता है. इसका निष्कर्ष 140 सवालों के जवाब पर आधारित होता है.

WEF (World Economic Forum) ने 2019 में कहा कि भारत का स्वास्थ्य जीवन प्रत्याशा (healthy life expectancy) के मामले में सूचकांक काफी निराशाजनक है. इसमें भारत 109 वें स्थान पर है. इस इंडेक्स के लिए 141 देशों का सर्वे किया गया था. इससे पता लगता है कि भारत जीवन प्रत्याशा के मामले में दुनिया के देशों से बहुत पीछे है.

Advertisement

2018 मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ के एक अध्ययन के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और लोगों तक उनकी पहुंच के मामले में भारत विश्व के 195 देशों में 145वें पायदान पर है. अध्ययन का चौंकाने वाला पक्ष ये है कि भारत 195 देशों की सूची में अपने पड़ोसी देश चीन, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान से भी पीछे है.

चहीं इसी साल 2018 में ‘ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज’ अध्ययन में आया कि स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच और गुणवत्ता मामले में वर्ष 1990 के बाद से भारत की स्थिति में सुधार हुए हैं. साल 2016 में स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच और गुणवत्ता के मामले में भारत को 41.2 अंक मिले थे जबकि साल 1990 में सिर्फ 24.7 अंक मिले थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement