प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के साथ मन की बात की. जिसमें उन्होंने भागीरथी अम्मा का जिक्र किया. जिन्होंने 105 साल की उम्र में राज्य साक्षरता मिशन के तहत चौथी क्लास के बराबर की परीक्षा में हिस्सा लिया था. इस परीक्षा को उन्होंने 74.4 फीसदी अंकों के साथ पास की थी.
बता दें, भागीरथी अम्मा केरल के कोल्लम में रहने वाली हैं. उन्होंने इस उम्र में पढ़ाई करके साबित कर दिया की पढ़ने लिखने की कोई उम्र नहीं होती है. उन्हें बचपन से पढ़ाई के लिए ललक थी लेकिन अपनी ये अधूरी ख्वाहिश उन्होंने 105 साल की उम्र में पूरी की. राज्य साक्षरता मिशन की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि "वह हमेशा ही पढ़ना चाहती थीं, ज्ञान अर्जन करना चाहती थीं. लेकिन, बचपन में ही मां की मौत हो जाने के कारण उन्हें अपना ये सपना छोड़ना पड़ा. मां के जाने के बाद भाई-बहनों की देखरेख की जिम्मेदारी उन पर आ गई थी."
जिसके बाद जिम्मेदारियों ने उनका साथ नहीं छोड़ा. घर गृहस्थी संभाली तो एक और दुख का पहाड़ उन पर टूट गया.
PTI की रिपोर्ट के अनुसार साक्षरता मिशन के निदेशक पीएस श्रीकला ने कहा था, भागीरथी अम्मा केरल साक्षरता मिशन के अब तक के इतिहास में सबसे बुजुर्ग ‘समकक्ष शिक्षा हासिल करने वाली' व्यक्ति बन गई हैं.
पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के अनुसार भागीरथी अम्मा को लिखने में दिक्कत होती है इसलिए उन्होंने पर्यावरण, गणित और मलयालम के तीन प्रश्नपत्रों का हल तीन दिन में लिखा था. और इसमें उनकी छोटी बेटी ने मदद किया था. आज अम्मा परीक्षा पास करके खुश हैं, बता दें, जब वह 9 साल की थीं तो वह तीसरी कक्षा में पढ़ती थीं और इसके बाद पढ़ाई छोड़ दी थी.
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