हिंदी लेखिका कृष्णा सोबती को मिलेगा 2017 का ज्ञानपीठ पुरस्कार

साहित्य के क्षेत्र का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार हिंदी की लेखिका कृष्णा सोबती को दिया जाएगा. यह पुरस्कार साल 2017 के लिए दिया जाएगा. साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें 53वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

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कृष्णा सोबती कृष्णा सोबती

मोहित पारीक

  • नई दिल्ली,
  • 03 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST

साहित्य के क्षेत्र का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार हिंदी की लेखिका कृष्णा सोबती को दिया जाएगा. यह पुरस्कार साल 2017 के लिए दिया जाएगा. साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें 53वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. इस पुरस्कार के साथ 92 वर्षीय सोबती को 11 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाएगा.

बता दें कि इससे पहले भी उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. 1980 में उन्हें अपने उपन्यास 'जिंदगीनामा' के लिए साहित्य अकादमी अवॉर्ड और 1996 में अकादमी के सर्वौष्ट पुरस्कार साहित्य अकादमी फैलोशिप पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वो अपने उपन्यास मित्रो मरजानी के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने कई कहानियों, उपन्यासों से हिंदी साहित्य को कई आयाम दिए हैं.

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उनकी कृतियों में डार से बिछुड़ी, मित्रो मरजानी, यारों के यार, तिन पहाड़, बादलों के घेरे, सूरजमुखी अंधेरे के, जिंदगीनामा, ऐ लड़की, दिलोदानिश, हम हशमत भाग, और समय सरगम शामिल है.

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति की अपनी नितांत निज की 'स्पेस' को अगर अकेलेपन से जोड़ेंगे तो रचना और रचनाकार का बहुत कुछ गड़बड़ा जाएगा. इतना तो हम सभी जानते हैं कि रचनाएं अकेले में ही लिखी जाती हैं, लेकिन रचना जब लिखी नहीं जा रही होती तो वह एक बड़ी दुनिया से जुड़ी होती है.

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