अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने मंगलवार को कहा है कि सरकारी या निजी विश्वविद्यालय अब PGDM (प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा) और MBA (व्यापार प्रबंधन में डिप्लोमा) पाठ्यक्रम एक साथ ऑफर नहीं कर सकेंगे.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तकनीकी एवं प्रबंधन शिक्षा नियामक ने कहा कि पीजीडीएम कोर्स केवल ऐसे संस्थान चला सकते हैं जोकि प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) की तरह ना तो विश्वविद्यालय हैं और ना ही किसी विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं.
एक वरिष्ठ एआईसीटीई अधिकारी ने PTI को बताया कि देखने में आया है कि कुछ समय से मानद विश्वविद्यालय नियमों का उल्लंघन करते हुए ''मैनेजमेंट प्रोग्राम'' के बैनर तले पीजीडीएम कोर्स का संचालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एआईसीटीई अधिनियम 2020 के अनुसार, एक ही संस्थान में पीजीडीएम और एमबीए कोर्स के एक साथ संचालन की इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार, विश्वविद्यालयों से संबद्ध संस्थानों के पास ये विकल्प है कि वह अपने यहां संचालित पीजीडीएम कोर्स को या तो उसी विश्वविद्यालय (जिससे वह संबद्ध है) के एमबीए के पत्राचार माध्यम में बदल दें अथवा एमबीए कोर्स संचालन की स्थित में इसी तरह दूसरा विकल्प अपना लें.
अधिकारी ने कहा कि एआईसीटीई रेगुलेशन 2020 के अनुसार, केंद्रीय, राज्य, निजी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को विश्वविद्यालय माना जाता है, जो प्रबंधन कार्यक्रम के बैनर तले पीजीडीएम (PGDM) और एमबीए (MBA) पाठ्यक्रम चला रहे हैं, उनसे अनुरोध है कि सभी पाठ्यक्रमों को पूरी तरह से एमबीए में बदलाव करें और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) मानदंडों का पालन करे.
नियम के मुताबिक विश्वविद्यालयों से संबद्ध संस्थानों के पास विश्वविद्यालय के संबद्धता या इसके विपरीत एक अलग स्टैंडअलोन संस्थान के तहत सभी PGDM कोर्सेज को एमबीए पाठ्यक्रम में परिवर्तित करने का विकल्प होता है.
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