26/11 का हीरो.. जिसने कहा था- 'तुम ऊपर मत आना, मैं संभाल लूंगा.'

जानिए मुंबई में आतंकवादी हमले में शहीद हुए मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के बारे में... ये थे उनके आखिरी शब्द....

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 मेजर संदीप उन्नीकृष्णन मेजर संदीप उन्नीकृष्णन

प्रियंका शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 3:27 PM IST

आज मुंबई में हुए आतंकी हमले को पूरे 10 साल हो गए हैं. जहां इस हमले में 137 लोगों की मौत हो गई थी वहीं वहां एक ऐसा जवान भी मौजूद था जिसने कई लोगों की जान बचाई.  हम बात रहे हैं मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की. जो इस हमले में 28 नवंबर 2008 को शहीद हो गए थे. उस समय वह 31 साल के थे.  संदीप ने अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने देश के लोगों को बचाने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी. अपनी जान पर खेलकर कई लोगों की जान बचाने वाले मेजर संदीप उन्नीकृष्णन का जन्म 15 मार्च 1977 को हुआ था.

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संदीप होटल ताज में आतंकियों से भिड़े थे और 14 लोगों को सुरक्षित निकाला था. यही नहीं उन्होंने कारगिल में लड़ते हुए पाकिस्तान के कई फौजियों को ढेर कर दिया था. उन्होंने सेना के सबसे मुश्किल कोर्स 'घातक कोर्स' में टॉप किया था. अदम्य बहादुरी के लिए उन्हें सर्वोच्च पुरस्कार अशोक चक्र से नवाजा गया.

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बता दें, लश्कर-ए-तयैबा के आतंकवादियों से भिड़ने के दौरान इस जवान ने अपने साथियों से कहा था 'तुम ऊपर मत आना, मैं संभाल लूंगा'. उनके कहे हुए शब्द  दूसरे  जवानों पर गहरी छाप छोड़ गए.

करकरे और अशोक कामटे भी हुए थे शहीद

26 नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ था. हेमंत करकरे दादर स्थित अपने घर पर थे. वह फौरन अपने दस्ते के साथ मौके पर पहुंच गए थे. उसी समय उनको खबर मिली कि कॉर्पोरेशन बैंक के एटीएम के पास आतंकी एक लाल रंग की कार के पीछे छिपे हुए हैं. वहां तुरंत पहुंचे तो आतंकी फायरिंग करने लगे. इसी दौरान एक गोली एक आतंकी के कंधे पर लगी. वो घायल हो गया. उसके हाथ से एके-47 गिर गया. वह आतंकी अजमल कसाब था, जिसे करकरे ने धर दबोचा.

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आतंकियों की ओर से जवाबी फायरिंग में तीन गोली इस बहादुर जवान को भी लगी, जिसके बाद वह शहीद हो गए. मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अशोक कामटे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर भी 26/11 हमले में शहीद हो गए थे.

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