पढ़ाई के लिए नहीं थीं किताबें तो गरीब बच्चों के लिए शुरू कर दिया बुक बैंक

किसी बैंक से आप लाखों-करोड़ों की नकदी हासिल कर सकते हैं, लेकिन मेरठ का बैंक ज्ञान के खजाने से मालामाल है. इसका लाभ उठा रहे साधनहीन बच्चे बुक बैंक की अहमियत समझते हैं और बुक बैंक उनकी.

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गरीब बच्चों के लिए शुरू किया बुक बैंक गरीब बच्चों के लिए शुरू किया बुक बैंक

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 4:39 PM IST

यह यकीन करना मुश्किल होता है कि ऐसा कोई बैंक होगा जहां सिर्फ और सिर्फ किताबें हों. सुनने में थोड़ा अजीब लगता है न! लेकिन मेरठ में एक ऐसा बैंक है जहां हर ओर बस ज्ञान ही ज्ञान है. मेरठ में एक पति-पत्नी के प्रयास से शुरू हुए फ्री बुक बैंक का लाभ अब तक हजारों बच्चों को मिल चुका है.

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हम बात कर रहे हैं मेरठ स्थित प्रेरणा बुक बैंक की. इस बैंक में लाखों किताबें हैं जिससे गरीबों की जिंदगी में उजाला हो रहा है. इस बैंक से उन गरीब बच्चों की मदद की जाती है, जो गरीबी के चलते महंगी-महंगी किताबें नहीं खरीद सकते. मेरठ का ये बुक बैंक समाज के लिए मिसाल बन गया है. गरीबी और तंगी किसी बच्चे की शिक्षा में रोड़ा न बने, इसे ध्यान में रखते हुए इस बुक बैंक की शुरुआत की गई है.

किसी बैंक से आप लाखों-करोड़ों की नकदी हासिल कर सकते हैं, लेकिन मेरठ का बैंक ज्ञान के खजाने से मालामाल है. इसका लाभ उठा रहे साधनहीन बच्चे बुक बैंक की अहमियत समझते हैं और बुक बैंक उनकी.

इन बच्चों को बुक बैंक की तरफ से मुफ्त किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं. मेरठ के विजयनगर निवासी अनीता शर्मा एक गांव की रहने वाली लड़की थीं और अपने घर से पढ़ने के लिए दो किलोमीटर दूर स्कूल जाया करती थीं. किताबें नहीं होने के चलते अनीता पढ़ाई नहीं कर पा रही थीं. वह इस बात से बहुत दुखी थीं. अनीता खुद भी अपने बड़े बहन भाई की पुरानी किताबों से पढ़ाई कर रही थीं. अनीता की शादी मेरठ के संजय शर्मा से हुई जो कि एक कोचिंग सेंटर चलाते हैं.

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4 राज्यो में 55 शाखाएं

अनीता ने अपने मन की बात अपने पति को बताई तो दोनों ने मिलकर 2016 में एक फ्री बुक बैंक की स्थापना की. जिसका मकसद उन बच्चों और लोगों को किताबें दिलाना था जो किताबें नहीं होने की वजह से पढ़ नहीं पाते. आज मेरठ के इस बुक बैंक की 4 राज्यों में 55 शाखाएं हैं और हज़ारों बच्चे इस बुक बैंक से किताब लेकर पढ़ाई कर रहे हैं. इस बुक बैंक में हर तरह की किताबें मिलती हैं. पहली कक्षा से लेकर सभी कक्षाओं की या फिर चाहे मेडिकल की तैयारी के लिए हो या कोई धार्मिक किताब हो, यहां सब किताबें मिलती हैं वो भी एक दम फ्री.

तो दो साल पहले अनीता ने जो सिलसिला शुरू किया, आज उसकी कई शाखाएं हैं और बैंक में लाखों किताबें बच्चों की जिंदगी में ज्ञान का उजाला कर रहा है.

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