मानो या ना मानो, लेकिन हाल ही में जारी हुए यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम बताते हैं कि छात्रों को अपनी मातृ भाषा हिंदी के बारे में अधिक जानकारी नहीं है.
हिंदी का गढ़ माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में, सिर्फ 81% बच्चे यूपी बोर्ड के हाईस्कूल परीक्षा में हिंदी विषय में पास हुए हैं, जबकि इंटरमीडिएट परीक्षा में 89% बच्चे अपनी मातृभाषा हिंदी में पास हुए, जो बांग्ला, सिंधी, मलयालम, नेपाली, जैसे विषयों में 100% से कम है.
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शुक्रवार को घोषित हुए बोर्ड के परिणामों के मुताबिक, हाई स्कूल के 36 विषयों में से, हिंदी विषय में 81.28% परीक्षार्थी पास थे, जबकि एलिमेंटेरी हिंदी विषय में 84.33 प्रतिशत बच्चे पास हुए. हालांकि, बांग्ला विषय में 100 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं. दूसरी भाषाओं के बांग्ला में पास होने वाले छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है.
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हिंदी के मुकाबले अन्य विषयों जैसे उर्दू (92.62%), पंजाबी (98.85%), अरबी (97.41%), मनोविज्ञान (89.56%) में छात्रों के बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं.
वहीं पिछले साल 2016 की इंटरमीडिएट परीक्षा में उत्तर प्रदेश जैसे हिंदी के गढ़ और वहां की मातृ भाषा माने जाने वाली हिंदी भाषा में 95.67 प्रतिशत और हाई स्कूल परीक्षा में 82.25 प्रतिशत रिज्लट रहा था.
वंदना भारती