सवा दो सौ साल पहले आज ही के दिन चलना शुरू हुआ था भारत में अंग्रेजों का सिक्का

साल 1757 में 19 अगस्त को ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकात्ता में रुपए का पहला सिक्का बनाकर जारी किया था. ये यात्रा भारत में सिक्कों के चलन से जुड़ी है, जानें आज के दिन का खास महत्व.

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आज ही के दिन चला था भारत का पहला सिक्का आज ही के दिन चला था भारत का पहला सिक्का

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 9:08 AM IST

ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में शासन था. हिंदुस्तानियों के बीच आज से सवा दो सौ साल पहले अंग्रेजों ने भारत में अपना सिक्का चलाया था. सच पूछ‍िए तो ये वो दौर था जब ब्रिट‍िश सरकार का सिक्का कई देशों में चलता था. आज के दिन अंग्रेजों का बनाया गया पहला सिक्का बंगाल के मुगल प्रांत में चलाया गया.

शुरुआत बंगाल के नवाब के साथ एक संधि के तहत हुई. उनके साथ संध‍ि करके ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 1757 में टकसाल बनाई थी. यही टकसाल पुराने किले में ब्लैक होल के बराबर खड़ी इमारत में थी. यहां टकसाल बनने के बाद सिक्कों को ढालने का काम शुरू हुआ. इस टकसाल में 1757 से 1791 तक ढलाई होती रही.

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साल 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद ही भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का साम्राज्य स्थापित हुआ. तब कंपनी को बिहार और बंगाल में कमाई करने के अधिकार दिए गए थे. अगर देखा जाए तो भारत में सिक्के का अविष्कार देरी से हुआ. यहां साल 1950 में पहला सिक्का ढाला गया था. भारत साल 1947 में आजाद हुआ लेकिन ब्रिटिश सिक्के साल 1950 तक देश में चलन में थे, उसी समय भारत में सिक्कों का प्रचलन हुआ.

यहां तब 1 रुपया 16 आना या 64 पैसे का मिलकर बनता था और 1 आना मतलब 4 पैसा होता था. 1957 में भारत में डेसिमल सिस्टम के तहत सिक्के ढलने लगे, लेकिन कुछ समय तक डेसिमल और नॉन डेसिमल सिक्कों दोनो का ही देश में चलन था.

कुछ समय तक भारत में 'आना' चलन में रहा, जिसमें 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलते थे. 'आना' सीरीज या प्री-डेसिमल कॉइनेज के नाम से चर्चित इन सिक्कों में 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलन में थे. रुपये की सबसे छोटी वैल्यू का सिक्का आधा पैसा को 1947 में आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया. 1 पैसा, 2 पैसा, 3 पैसा, 5 पैसा, 10 पैसा, 20 पैसा और 25 पैसा, 50 पैसा के सिक्के जारी किए जो देश में लंबे समय तक चलन में रहे.

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जानें सिक्काें का इतिहास

1 पैसे का सिक्का 1957-1972 के बीच चलन में थे और ढाले गए. इन पर 2011 में बैन लगा दिया गया.

1964-1972 के बीच 3 पैसे के सिक्के ढाले गए और साल 2011 में इन्हें बंद कर दिया गया.

1957-1994 के बीच 5 पैसे के सिक्के ढाले गए और 2011 में इन्हें चलने से बैन कर दिया गया.

साल 1962 से चलन 1 रुपये का सिक्का चलन में आया जो आज भी चलता है.

2 रुपया, 5 रुपया और 10 रुपये का सिक्का आज भी लेने-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. 2 रुपये का सिक्का 1982 से चलन में आया और 5 रुपये का सिक्का 1992 से चलन में आया था. इसके अलावा साल 2006 से सरकार ने 10 रुपये का सिक्का भी देश में जारी कर दिया.

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