सैनिक स्कूल में लड़कियों को प्रवेश देने की पहल करते हुए लखनऊ के कैप्टन मनोज पाण्डेय सैनिक स्कूल में इस साल 15 लड़कियों को एडमिशन दिया गया है. यह पहली बार है जब लड़कियों को इस तरह के स्कूल में पढ़ने का मौका मिलेगा. बता दें कि इससे पहले इस स्कूल में सिर्फ पुरुषों को ही एडमिशन दिया जाता था.
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य कर्नल अमित चटर्जी ने बताया कि 'पंद्रह बच्चियों का पहला बैच भर्ती किया गया है. इन सभी को नौंवीं कक्षा में दाखिला दिया गया है.सभी छात्राओं ने 19 अप्रैल से कक्षा में जाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि छात्राओं का बैच भर्ती होने से ना सिर्फ हमें खुशी हो रही है बल्कि बच्चियों को भी गर्व का अनुभव हो रहा है. चटर्जी ने ये भी कहा कि 'ये सभी बच्चियां कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद इस स्कूल में दाखिला लेने में सफल रहीं.
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बता दें कि करीब 2500 लड़कियों ने आवेदन किया था, जिनमें से 15 बच्चियों का चयन किया गया. दरअसल देश के सैनिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में से बेहतरीन का चयन कर उन्हें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से सैन्य तैयारी के लिए भेजा जाता है. इन स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा वह नींव बनती है जिसके आधार पर , आगे चल कर बच्चे देश का सशक्त सैनिक बनते हैं. साल 2016 में एनडीए में दाखिला लेने वाले कुल कैडेट में 29.33 प्रतिशत कैडेट इन सैनिक स्कूलों से आए थे.
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चटर्जी का कहना है कि देश के सभी 27 सैनिक स्कूल केंद्र सरकार के अधीन हैं, जबकि यहां राजधानी लखनऊ का सैनिक स्कूल राज्य सरकार के अधीन है. अब तक केवल बालकों को ही कक्षा सात में सैनिक स्कूल में प्रवेश दिया जाता था. राजधानी लखनऊ का सैनिक स्कूल 1960 में स्थापित किया गया था जो देश में अपनी तरह का पहला स्कूल था. इसके बाद देश के अन्य हिस्सों में 27 ऐसे सैनिक स्कूल स्थापित किए जा चुके हैं.
मोहित पारीक