नई नौकरी में जल्दी नहीं हो पाते फिट? जानें क्या है 'न्यू जॉब एंग्जाइटी', ऐसे निपटें

Depressed about starting new job: नौकरी बदलना करियर को आगे बढ़ाने के लिए एक अहम कदम है, इससे करियर ग्रोथ होती है, नया सीखने को मिलता है. ये सब जानते हुए भी हम जॉब बदलने की हिम्मत नहीं कर पाते. क्या इसकी वजह एंग्जाइटी है? नए लोग, नया माहौल, नए काम में एडजस्ट होना आसान नहीं होता लेकिन इसके लिए नौकरी न बदलना समाधान नहीं है. इसके लिए बस कुछ टिप्स पर करें काम और दूर करें जॉब एंग्जाइटी.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 3:05 PM IST

Job Anxiety: जिदंगी में सफलता पाने के लिए अपने गोल्स हासिल कर आगे बढ़ते रहना बहुत जरूरी है. इसके लिए नौकरी कर रहे लोगों के सही समय पर जॉब बदलना एक जरूरी स्टेप है. अपने आपको नई नौकरी ढंढ़ने के लिए तैयार करने से लेकर नौकरी मिलने तक कई स्थितियों से होकर गुजरता पड़ता है. लेकिन उसके बाद आता है नई नौकरी ज्वाइन करना और नए माहौल में एडजस्ट होना. इसे न्यू जॉब एंग्जाइटी कहा जाता है. यानि नई नौकरी से होने वाली घबराहट.

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आम है न्यू जॉब एंग्जाइटी (New Job Anxiety)

न्यू जॉब एंग्जाइटी से लड़ने के लिए सबसे पहले आपको ये जानना जरूरी है कि नई नौकरी में एडजस्ट होने से पहले थोड़ी घबराहट, बेचौनी जैसी स्थिति सभी को होती है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो नए माहौल में बहुत जल्दी ढल जाते हैं लेकिन आमतौर पर लोगों को नए माहौल, नए काम में ढलने के लिए कुछ समय की जरूरत होती ही है. तो आइये जानते हैं इस न्यू जॉब एंग्जाइटी को कैसे करें टैकल (How to overcome job anxiety).

कंपनी ने आपको चुना

कई तरह की घबराहट और बेचैनी के बीच आप ये बात न भूलें की कंपनी ने एक लंबे प्रॉसेस के बाद आपको चुना है. यानि कंपनी ने आपकी काबिलियत के बल पर ही आपका चुनाव किया है. आपके अंदर कुछ ऐसा है जिसकी वजह से कंपनी ने आपके जॉब रोल के लिए आपको चुना है. इसलिए अपने अंदर आ रही नकारात्मक सोच को सकारात्मकता में बदलें.

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काम करने से पहले समझने पर दें ध्यान

नई जॉब, नई जगह, नया वर्क प्लेस, नया काम आपके पुराने वर्क प्लेस के माहौल से काफी अलग हो सकता है. इस नए माहौल में ढलने के लिए जरूरी है कि आप अपनी ऑब्जरवेशन पावर का इस्तेमाल करें. नौकरी के शुरुआती दिनों में आपको कोई टारगेट या कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाती. शुरुआती समय काम को समझने और सीखने के लिए होता है. इस समय का सही इस्तेमाल करके जरूरी है कि आप काम करने पर ध्यान देने से पहले काम को समझें. इस कंपनी में किस तरह से काम होता, कौन क्या करता है, परेशानी की स्थिति में उसका समाधान कैसे किया जाता. कौन लोग इसके लिए मददगार साबित हो सकते हैं. शुरुआती दिनों में जरूरी है कि हम इस तरह की बातों पर ध्यान दें. 

सवाल पूछने से न करें परहेज

नए माहौल को समझने के लिए दिमाग में कई तरह के सवाल भी उठते हैं. इन सवालों के जवाब अपको काम में ढलने में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं, इसलिए सवाल करने से परहेज न करें. हर कंपनी के काम करने का तरीका अलग होता है. इसलिए सवाल करना आपकी कम जानकारी को नहीं दर्शाता बल्कि काम को समझने में मददगार साबित हो सकता है. 'इसका क्या मतलब होता है, हम इस काम को इस तरह क्यों कर रहे हैं, मैं ये कैसे कर सकता/सकती हूं.. शुरुआती वक्त में ऐसे कई सवाल कर काम को आसानी से समझा जा सकता है. 

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अपने बॉस से लें मदद

नए लोगों के साथ कंपनी में आपको फिट करना आपके बॉस की जिम्मेदारी है. इसलिए जरूरी है कि आप आपने बॉस के साथ संवाद बनाए रखें. उन्हें समय समय पर अपने काम या काम में आ रही परेशानियों के बारे में अवगत करवाते रहें, जिससे आपके बॉस आगे के काम में मददगार साबित हो सकते हैं.

पॉलिटिक्स से बचाव दूर करेगा एंग्जाइटी

किसी भी कंपनी या टीम में हर तरह के लोग होते हैं. कुछ फ्रेंडली होते हैं, कुछ हेल्पिंग नेचर वाले होते हैं, कुछ आपको बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं तो कुछ माहौल को नेगेटिव बनाने वाले भी होते हैं. इसके लिए जरूरी है कि आप सही लोगों को पहचानें. नई जॉब की एंग्जाइटी से बचने के लिए आपको पॉजिटिव लोगों की जरूरत है. ये ध्यान रहे कि हर कंपनी में हर तरह के लोग होते हैं. इसलिए सुनें सबकी लेकिन नकारात्मकता अपने ऊपर हावी न होने दें.

अपनों से करें बात

इन सबके अलावा एंग्जाइटी से बचने के लिए खुद को समझना बेहद जरूरी है. इसके लिए आप उन लोगों के साथ बैठें जो आपको बेहतर समझते हैं, वे चाहे आपके दोस्त हों या आपका पार्टनर या फिर परिवार का कोई इंसान. इन लोगों से बात करके आप अपने बारे में जान सकते हैं और सुझाव ले सकते हैं. कई बार परेशानी बांटने से ही उनका समाधान हो जाता है. शेयरिंग कुछ हद तक आपकी एंग्जाइटी को कम कर सकती है.

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लिखने से दूर होगी एंग्जाइटी!

लिखना किसी भी परेशानी से लड़ने का कारगर हथियार है. नौकरी के शुरुआती दिन हमें काफी लंबे लगते हैं. लोगों के अलावा आपके एक-एक कदम को आप खुद भी नोटिस कर रहे होते हैं. अपने इन्हीं स्टेप्स को आप लिख सकते हैं. जैसे-जैसे दिन गुजरते जाएंगे वैसे-वैसे आपको महसूस होगा कि आप माहौल में फिट हो रहे हैं. जो आपके कॉन्फिडेंस को बूस्ट करेगा.

सहकर्मियों के साथ बिताएं वक्त

काम के प्रेशर के बीच बात कर पाना हमेशा मुमकिन नहीं होता. इसलिए जरूरी है कि काम के बीच ब्रेक में या जॉब के वक्त के बाद साथ काम करने वालों से बात करें. अनौपचारिक बातचीत लोगों को माहौल में ढलने के लिए बहुत मददगार होती है. इसके अलावा साथ खाना-पीना लोगों के बीच के गैप को बहुत जल्दी कम करता है. इसलिए कॉफी या चाय पर जाना अच्छा कदम हो सकता है.

 

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