Personality Tips: क्या आपको भी नहीं मिल रही जीने की वजह, हो रहा खालीपन का एहसास? ये टिप्स आएंगे काम

सुबह उठते हुए या यूं ही कभी बैठे-बैठे मन में खालीपन का एहसास होता है. जैसे- सबकुछ होते हुए भी कुछ न हो. ये महसूस होने लगे कि आप जी नहीं रहे, बस जिंदा हैं. ये सारी भावनाएं कई लोगों में आती हैं, लेकिन इसकी वजह क्या है? इन सब जज़्बातों की वजह सिर्फ़ अपने आपसे मोहब्बत में कमी होना है.

Advertisement
Photo-Freepik Photo-Freepik

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2023,
  • अपडेटेड 9:17 AM IST

ज़िंदगी हमें कई रंग दिखाती है. बचपन में बेफ़िक्री की ज़िंदगी होती है, जवानी में दिल लगी का रोग लग जाता है. अधेड़ उम्र फ़िक्र में गुजरती है तो बुढ़ाता आते-आते शांत होने लगते हैं. ज़िंदगी में हंसी, ख़ुशी, दुख, तकलीफ़, बेचैनी... हर तरह का दौर आता है लेकिन कभी-कभी ऐसा वक्त भी आता है, जब न सोने का दिल करता है न उठने का. खाने-पीना रस्म बन जाता है, उत्साह और ख़ुशी तो मानों कोसों दूर चले गए हों.

Advertisement

सुबह उठते हुए या यूं ही कभी बैठे हुए मन में खालीपन का एहसास होता है. जैसे- सबकुछ होते हुए भी कुछ न हो. ये महसूस होने लगे कि आप जी नहीं रहे, बस जिंदा हैं. ये सारी भावनाएं कई लोगों में आई होंगी लेकिन इसकी वजह क्या है? इन सब जज़्बातों की वजह सिर्फ़ एक है और ये वजह है, अपने आपसे मोहब्बत में कमी. आपने ख़ुद से मोहब्बत करनी छोड़ दी है. आइये जानते हैं, इन फीलिंग्स से कैसे निपटें.

ख़ुद को पहचानें: अपने अंदर झांकिये, अपनी भावनाओं को समझने के लिए अपने भीतर गहराई तक जाइए. खालीपन महसूस करने का कारण हमारे अंदर है इसलिए अगर हमें इस परेशानी का समाधान करना है तो हमें पहले ख़ुद को समझने की ज़रूरत है. अगर हमें अपने आप में आत्मनिर्भर और संतुष्ट होना होता तो हम कभी भी किसी बाहरी से सर्टिफिकेट की तलाश में नहीं भटकते.

Advertisement

भावनाओं को बाहर आने दें: इंसान में कई तरह की फ़ीलिंग होती हैं और जब हम अपने निम्न स्तर पर होते हैं तो ये फीलिंग्स अपना असर डालती हैं. ऐसे में हम बस आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं और इन भावनाओं को अपने अंदर दबाने की कोशिश में लग जाते हैं, जो बेहद गलत है. हमें ये सोचकर डरना नहीं चाहिए कि हम अपनी फीलिंग्स को बाहर आने देंगे तो समाज हमें किस नज़र से देखेगा. वो सब कुछ करें जिससे आपको खुशी मिले. आपको पेंटिंग, लिखना, गाना, डांस करना, ड्राइव करना, घूमना आदि जो भी पसंद है वो करें.  बस कुछ भी करें जो आपको संपूर्ण महसूस कराता है, इसे अपने अंदर दबी भावनाओं के लिए एक स्टोर समझें.

बिना पाबंदियों के मोहब्बत करें: जब हम किसी से प्यार करते हैं तो हम उसकी हदें पार कर देते हैं, हम सभी खामियों को नजरअंदाज कर देते हैं और अपने प्यार को बिना किसी बाउंड्री के मोहब्बत करते हैं, अब ये अपने लिए करें. हालांकि, यह करना सबसे मुश्किल काम है, जब खुद से प्यार करने की बात आती है तो हम अपनी खामियां गिनने लगते हैं. हम हर बार अपने आप को दूसरों के साथ तुलना करके और लगातार सामाजिक अनुरूपता की तलाश करके और उनकी सही परिभाषा में फिट होने की कोशिश करके खुद को छोटा करते रहते हैं. ये मुश्किल है लेकिन आपको इससे दूर जाने और बिना शर्त खुद से प्यार करना ही होगा. हर कोई गलती करता है और आप भी करते हैं, उन्हें स्वीकार करें और अपने आपको माफ़ करें और अपनी कंपनी का मजा लेना सीखें, आपको खुद से बेहतर जानने वाला कोई नहीं है, अब वक़्त आ गया है कि आप खुद के लिए जिएं.

Advertisement

ख़ुद को ख़ुशी दें: आमतौर पर हम अपने आप को खुश करने के लिए क्या करते हैं? अपने आप को चीजें देकर, शॉपिंग करके, घूमने जाकर लेकिन ये स्थाई ख़ुशी नहीं है. स्थाई और टिकाऊ ख़ुशी दयालु स्वभाव होता है. दुनिया में बहुत से लोग भूखे और बेघर हैं, ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें आपकी मदद की ज़रूरत है, आपकी दयालुता का काम न केवल उनकी मदद करेगा बल्कि आपके ज़ख़्मों को भरेगा और आपकी अच्छा महसूस करवाएगा. देने से बढ़कर कोई दूसरी भावना आपको ख़ुशी नहीं दे सकती. निःस्वार्थ होकर किसी की मदद करना एक दवा है, जो आत्मा को खुश करती है और आपके खालीपन को भरती है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement