शादी के बाद या गर्भ धारण पर कई महिलाओं को मजबूरन अपनी पढ़ाई या नौकरी छोड़नी पड़ती है. बहुत कम ही महिलाओं में महाराष्ट्र के चंद्रपुर की भाग्यश्री जैसी हिम्मत और जज्बा होता है. हालात की मजबूरी के बावजूद भाग्यश्री ने अपनी 12वींं बोर्ड परीक्षा नहीं छोड़ने का फैसला किया और अपने दो माह के दुधमुंहे बच्चे को लेकर परीक्षा केंद्र पहुंच गई. वहां परीक्षा केंद्र के बाहर बच्चे का पालना बिछाया और महिला पुलिसकर्मी की देखरेख में छोड़कर खुद एग्जाम देने चली गई.
मामला महाराष्ट्र के चंद्रपुर के कोठारी गांव का है. यहांं रहने वाली भाग्यश्री रोहित सोनुले अपने दो महीने के बच्चे के साथ परीक्षा केंद्र पहुंचीं, उनका आज 12वीं बोर्ड का पेपर था और घर में बच्चे को संभालने वाला कोई नहीं था, तो उन्होंने परीक्षा केंद्र के बाहर पालना एक पेड़ के नीचे रखा और बच्चे को पालने में सुलाकर पेपर देने चली गई.
पालने में आराम से सोता रहा बच्चा
बच्चे को पालने में और मां को पेपर देता देख पुलिस महिला कर्मी मदद के लिए आगे आई और जितनी देर परीक्षा चली पुलिस कर्मी ने ही बच्चे को संभाला. एक तरफ मां परीक्षा लिख रही थी तो दूसरी ओर बीच-बीच में जाकर बच्चों को भी देख भी रही थी. शिक्षा के प्रति लगन देखकर शायद बच्चे ने भी मां की मदद करने की ठानी और वह चुपचाप पालने में सो गया. इस मां के रूप में एक तरफ शिक्षा पाने की लगन तो दूसरी तरफ मां का प्यार परीक्षा केंद्र पर देखने को मिला है. इस मां की पढ़ाई के प्रति लगन देखते हुए यह परीक्षा में तो पास हो ही जाएगी, लेकिन साथ-साथ इसने अपने जीवन की परीक्षा में भी पास हो गई है.
पति घर पर नहीं थे तो बेटे को लेकर परीक्षा केंद्र पहुंची मां
कोठारी गांव की भाग्यश्री की शादी को दो साल हो गए हैं और उनका दो महीने का बेटा है. शादी के बाद भी भाग्यश्री ने पढ़ाई नहीं छोड़ी. इस साल वह 12वीं में थी. आज 12वीं का अंग्रेजी का पेपर था. भाग्यश्री के पति रोहित मजदूर हैं. आज वह घर पर नहीं थे. इसलिए भाग्यश्री बच्चे को अपने साथ परीक्षा केंद्र पर लेकर आई और उसे सुलाकर परीक्षा दी.
विकास राजूरकर