छोटे शहरों से निकलकर कई युवा आज मेट्रोपॉलिटन शहरों में नौकरियां कर रहे हैं, जहां अधिकांश समय कुर्सी पर बैठकर कंप्यूटर स्क्रीन के सामने काम करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है. सुबह 9 से शाम 5 तक की यह नौकरी अच्छी आमदनी तो दे रही है, लेकिन साथ ही कंधे, कमर, और पैरों में दर्द जैसी समस्याएं भी ला रही है. अधिकांश कर्मचारी इस दर्द को सहते रहते हैं और जब यह असहनीय हो जाता है तो डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट के पास पहुंचते हैं, या जिम और योगा का सहारा लेने का सोचते हैं.
हालांकि, असल में यह दर्द न तो आपकी कुर्सी की वजह से है और न ही केवल लंबे समय तक बैठने की वजह से, बल्कि यह दर्द गलत ढंग से बैठने पर होता है. जैसे एक कार का अलाइनमेंट बिगड़ने पर उसके पुर्जों पर असर पड़ता है, उसी तरह हमारे शरीर का अलाइनमेंट बिगड़ जाए तो मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और अन्य समस्याएं शुरू हो जाती हैं.
शरीर का अलाइनमेंट सही करने का तरीका बेहद आसान है. अगर आप अपने दैनिक जीवन में उठने-बैठने, चलने, सोने और कुर्सी पर बैठकर काम करने की स्थिति में सुधार कर लें, तो कंधे, कमर, और पैरों के दर्द से राहत मिल सकती है. इस संबंध में एम्स की पूर्व सीनियर रिसर्च ऑफिसर और फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. ख्याति शर्मा का कहना है कि शरीर के सही अलाइनमेंट को बनाए रखना आवश्यक है. उन्होंने उठने, बैठने, खड़े होने, और काम करने के कुछ सही तरीके सुझाए हैं, जिनसे हम इस दर्द से छुटकारा पा सकते हैं. आइए, जानते हैं इनके बारे में.
सही पॉश्चर से दर्द में राहत कैसे पाएं
अगर आप लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठकर काम करते हैं और इस दौरान कंधे में दर्द महसूस हो रहा है, तो सबसे पहले अपने पॉश्चर पर ध्यान दें. डॉ. ख्याति शर्मा, जो एम्स की पूर्व सीनियर रिसर्च ऑफिसर और फिजियोथेरेपिस्ट हैं, कहती हैं कि सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपकी स्क्रीन आपके आंखों के सामने हो. इसका मतलब है कि आपको स्क्रीन को इस तरह से सेट करना चाहिए कि आपके कंधे झुके हुए न हों. लैपटॉप या डेस्कटॉप की स्क्रीन को इस तरह से रखें कि आपको गर्दन को मोड़े बिना स्क्रीन को देख सकें. इससे कंधे और गर्दन पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा. इसके अलावा, कमर को सीधा रखें और कुर्सी पर पैर फोल्ड करके न बैठें, क्योंकि यह आपकी रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों पर दबाव डालता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है.
खड़े होने का तरीका
जब आप खड़े हों, तो वजन दोनों पैरों पर समान रूप से डालें. कई लोग आदत से एक पैर पर झुके रहते हैं, जिससे शरीर के संतुलन में गड़बड़ी होती है और पीठ, कंधे या पैरों में दर्द हो सकता है. इसलिए, हमेशा खड़े होते वक्त अपने वजन को दोनों पैरों में बराबर बांटने की कोशिश करें. यह आपकी रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों पर दबाव को कम करेगा और शरीर को सही स्थिति में बनाए रखेगा.
महिलाओं के लिए खास सुझाव
महिलाओं के लिए डॉ. ख्याति शर्मा ने एक और महत्वपूर्ण सुझाव दिया है. उनका कहना है कि महिलाओं को हैंडबैग को हमेशा कंधे पर लटकाना चाहिए. अगर आपके पास दो हैंडबैग हैं, तो दोनों को कंधे पर बराबरी से टांगें. ऐसा करने से कंधे पर एकतरफा दबाव नहीं पड़ेगा और शरीर का संतुलन बना रहेगा.
चलते वक्त ध्यान देने योग्य बातें
डॉ. ख्याति शर्मा ने एक वीडियो में यह भी समझाया कि हमें चलते वक्त क्या ध्यान रखना चाहिए. उनके अनुसार, चलते समय शरीर को सीधा रखें और कंधे और सिर को झुकने से बचाएं. सही तरीके से चलने से शरीर के जोड़ों पर दबाव कम पड़ता है और मांसपेशियां सही तरीके से काम करती हैं.
उठते समय और सोते वक्त सही अलाइनमेंट
डॉ. शर्मा ने यह भी बताया कि उठते समय शरीर को सीधा करना चाहिए. अगर आप कुर्सी से उठते समय झुकते हैं, तो इससे कमर और गर्दन में दर्द हो सकता है. सिर और गर्दन को सीधा रखें और फिर धीरे-धीरे उठें. इसके साथ ही सोते समय भी पीठ के बल सोने की कोशिश करें. अगर आप करवट लेकर सोते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके गर्दन और पीठ का अलाइनमेंट ठीक रहे.
सही अलाइनमेंट का महत्व
डॉ. ख्याति शर्मा का कहना है कि अगर हम अपने शरीर के अलाइनमेंट पर ध्यान दें और उसे सही रखें, तो हम न केवल मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से बच सकते हैं, बल्कि लंबी अवधि में शरीर की अन्य समस्याओं को भी रोक सकते हैं. सही पॉश्चर न केवल दर्द को कम करता है, बल्कि यह आपके शरीर को ऊर्जा और मजबूती भी प्रदान करता है. डॉ. शर्मा का यह संदेश है कि छोटे-छोटे बदलावों से आप अपने शरीर को बेहतर बना सकते हैं. सही पॉश्चर को अपनाना न केवल आपके दर्द को कम करेगा, बल्कि यह आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.
पल्लवी पाठक