लखनऊ के दुबग्गा थाना क्षेत्र में एक गंभीर छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है. यहां एक ही परिसर में दो मदरसे चलाने वाले संचालक रिजवानुल हक के खिलाफ जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने मुकदमा दर्ज कराया है. आरोप है कि रिजवानुल हक ने कई वर्षों तक करीब 50 बच्चों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर छात्रवृत्ति की रकम हड़प ली.
फर्जी नामों से भरे गए छात्रवृत्ति फार्म
जांच के अनुसार, मदरसे की मान्यता केवल कक्षा एक से पांच तक ही थी, बावजूद इसके संचालक ने 12वीं तक की कक्षाएं चला रखी थीं. यही नहीं, रिजवानुल हक ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति के फार्म भरवाए और सरकार से मिलने वाली रकम अपने पास रख ली. वर्ष 2021 से 2023 तक की छात्रवृत्ति में यह गड़बड़ी पाई गई है.
मदरसा संचालक ने दी टालने वाली प्रतिक्रिया
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोन कुमार ने बताया कि प्रति छात्र हर साल एक से पांच हजार रुपये तक की छात्रवृत्ति दी जाती है. जब इस पर संदेह हुआ तो 21 मार्च को निरीक्षण टीम ने जामिया सादिया लिल और मदरसा मौलाना अबुल कलाम आजाद इलाह अरेबिक स्कूल का दौरा किया. मौके पर पहुंचने पर दोनों मदरसे बंद मिले. निरीक्षण टीम ने जब रिजवानुल हक से संपर्क किया, तो उसने बताया कि वह इस समय उन्नाव में है और मदरसा बंद है. लेकिन जांच में सामने आया कि जिन छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति ली जा रही थी, वे अस्तित्व में ही नहीं हैं. इससे साफ हो गया कि पूरे मामले में गंभीर फर्जीवाड़ा हुआ है.
एनएसपी पोर्टल पर ब्लॉक, यू-डायस कोड सस्पेंड
इस घोटाले के उजागर होने के बाद प्रशासन ने दोनों मदरसों को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) पर ब्लॉक कर दिया है. साथ ही, इन मदरसों के यू-डायस कोड को भी सस्पेंड कर दिया गया है ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी दोबारा न हो सके. पुलिस अब पूरे मामले की छानबीन कर रही है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
आशीष श्रीवास्तव