आजकल हर दूसरा प्रोफेशनल मन ही मन एक ही सवाल पूछ रहा है –'नौकरियां कम हो गई हैं या फिर मेरे स्किल्स पुराने पड़ गए हैं?' AI का डर, सैलरी का स्लो होना, Gen Z का बार-बार जॉब बदलना… जॉब मार्केट को लेकर कन्फ्यूजन अपने पीक पर है. ऐसे में माइकल पेज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अंकित अग्रवाल ने साफ-साफ बताया है कि भारत का जॉब मार्केट असल में चल किस दिशा में रहा है और कर्मचारियों को आगे किन बातों के लिए तैयार रहना चाहिए. चलिए जानते हैं...
'नौकरी है, लेकिन सबके लिए नहीं'
अंकित अग्रवाल के मुताबिक भारत में भर्तियां बंद नहीं हुई हैं, बस अब वे चुनिंदा हो गई हैं. 2021-22 में कंपनियां ज्यादा लोगों को रख रही थीं, लेकिन अब फोकस है- कम लोग, सही स्किल वाले लोग. मतलब अब सवाल यह नहीं है कि कितनी नौकरियां हैं, बल्कि यह है कि आप क्या कर सकते हैं और कितना वैल्यू जोड़ते हैं.
'किन सेक्टर्स में मौके हैं'
हर जगह मंदी नहीं है. मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, रिन्यूएबल एनर्जी और सप्लाई चेन जैसे सेक्टर्स तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इसके अलावा GCC (Global Capability Centers) का भारत में जबरदस्त विस्तार हो रहा है. बेंगलुरु ही नहीं, हैदराबाद, पुणे और NCR में भी. AI, डेटा, फाइनेंस और एनालिटिक्स में हाई-वैल्यू जॉब्स लगातार बन रही हैं.
'सैलरी क्यों स्लो हो गई'
दो साल की तेज सैलरी बढ़ोतरी के बाद अब कंपनियां थोड़ा ब्रेक ले रही हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अच्छे स्किल्स की वैल्यू कम हो गई है.
AI, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी और ESG जैसे स्किल्स वालों को अब भी अच्छा पैसा मिल रहा है. अब ट्रेंड है- डेजिग्नेशन नहीं, स्किल के हिसाब से सैलरी.
'AI आपकी नौकरी नहीं छीनेगा… अगर आप तैयार हैं'
AI से डरने की जरूरत नहीं है. खतरे में वही जॉब्स हैं जो बार-बार दोहराए जाने वाले काम करती हैं- जैसे डेटा एंट्री या बेसिक रिपोर्टिंग.
'भविष्य में नहीं होगा नौकरी का खतरा'
भविष्य उनका है जो डोमेन नॉलेज + टेक्नोलॉजी स्किल्स को जोड़कर काम कर सकते हैं. भारत अब सिर्फ बैक-ऑफिस नहीं है. पहले भारत को सपोर्ट सिस्टम माना जाता था. अब भारत खुद रणनीति बनाने वाला केंद्र बन रहा है- AI डेवलपमेंट, प्रोडक्ट इनोवेशन और फाइनेंस लीडरशिप में.
'Gen Z जल्दी जॉब बदलते हैं'
Gen Z जल्दी जॉब बदलती है, लेकिन इसलिए नहीं कि उन्हें कमिटमेंट नहीं चाहिए. उन्हें सीखने का मौका चाहिए. उन्हें जहां फ्लेक्सिबिलिटी, क्लियर ग्रोथ मिलता है, वे वहां टिकते हैं.
'छंटनी होगी, लेकिन मौके भी'
कुछ सेक्टर में छंटनी जारी रह सकती है, खासकर स्टार्टअप और कंज्यूमर टेक में. लेकिन AI, क्लाउड, साइबर सिक्योरिटी और कंप्लायंस में मौके बने रहेंगे.
'2030 तक काम आने वाले 3 सबसे बड़े स्किल्स'
ध्यान रखने वाली बात
भारत का जॉब मार्केट खत्म नहीं हो रहा, वह अपग्रेड मांग रहा है. जो सीखते रहेंगे, खुद को बदलते रहेंगे, वही आने वाले समय में न सिर्फ टिकेंगे, बल्कि लीड भी करेंगे.
रौशनी चक्रवर्ती