ग्रेजुएशन के बाद बिजनेस करना चाहते हैं इतने प्रतिशत भारतीय छात्र, IIT मंडी ने शेयर की रिपोर्ट

IIT मंडी द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि भारत में 32.5% कॉलेज छात्र पहले से ही अपने नए व्यवसाय शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं, जो दुनिया के औसत 25.7% से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, 14% भारतीय छात्र ग्रेजुएशन के तुरंत बाद व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, जबकि 31.4% पांच साल बाद ऐसा करने की योजना बनाते हैं.

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IIT Mandi Report on Indian Students Interest after Graduation IIT Mandi Report on Indian Students Interest after Graduation

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी ने एक रिपोर्ट तैयारी की है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में 32.5 प्रतिशत कॉलेज के छात्र पहले से ही अपने नए व्यवसाय शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं, जो दुनिया के औसत 25.7 प्रतिशत से ज्यादा है. यह रिपोर्ट GUESSS नामक एक वैश्विक सर्वेक्षण के भारत के हिस्से ने जारी की है. इस सर्वे में 57 देशों के छात्रों पर शोध किया गया है, जो अपने खुद के व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं.

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इतने प्रतिशत छात्रों की बिजनेस में रुचि

रिपोर्ट के अनुसार, 14 प्रतिशत भारतीय छात्र ग्रेजुएशन खत्म होने के बाद ही अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, जो कि दुनिया के औसत 15.7 प्रतिशत के लगभग बराबर है. हालांकि, पांच साल बाद 31.4 प्रतिशत छात्र व्यवसाय शुरू करने का सोचते हैं, जबकि वैश्विक औसत 30 प्रतिशत है. 32.5 प्रतिशत भारतीय कॉलेज छात्र पहले से ही नए उद्यमी हैं और अपने व्यवसाय शुरू करने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं. यह आंकड़ा वैश्विक औसत 25.7 प्रतिशत से अधिक है.                                                                                                      

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IIT मंडी के प्रोफेसर ने कही ये बात                                                                                                                                      PTI की रिपोर्ट के अनुसार, GUESSS इंडिया 2023 सर्वेक्षण नवंबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच आयोजित किया गया और इसमें देश भर के सैकड़ों उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकित 13,896 छात्रों ने हिस्सा लिया था. आईआईटी मंडी के मेनेजमेंट स्कूल में एसोसिएट प्रोफेसर और रिपोर्ट के मुख्य लेखक, पुराण सिंह ने कहा, "हम पहले से ही दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं और हमारे पास सबसे बड़ी युवा आबादी भी है. युवाओं की उद्यमशील क्षमता का दोहन हमारे देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण होगा."

रिपोर्ट के अनुसार, 69.7 प्रतिशत छात्र ग्रेजुएशन के बाद नौकरी ढूंढते हैं, लेकिन पांच साल बाद यह संख्या घटकर 52.2 प्रतिशत रह जाती है, जबकि 31 प्रतिशत छात्र उस समय तक अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं. भारतीय छात्रों में बिजनेस शुरू करने की इच्छा दुनिया में सबसे ज्यादा पाई गई, जिसका औसत 7 में से 4.6 है, जो कि वैश्विक औसत 3.7 से ज्यादा है. करीब 38 प्रतिशत छात्र अपने बिजनेस को खड़ा करने में लगे हैं, जिनमें से 33 प्रतिशत शुरुआत के चरण में हैं. हालांकि, केवल 4.8 प्रतिशत ही उस स्तर पर पहुंचे हैं जहां वे पैसे कमाना शुरू कर चुके हैं, जो बताता है कि आगे बढ़ने की बहुत संभावनाएं हैं.

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