DU VC योगेश त्यागी मामला: फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनी, इन प्वाइंट्स पर होगी जांच

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के कुलपति योगेश त्यागी को राष्ट्रपति की ओर से सस्पेंड किया गया था. अब उनके कार्यकाल की खामियों और शिकायतों की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई है.

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DU VC Yogesh Tyagi DU VC Yogesh Tyagi

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU ) के कुलपति योगेश त्यागी के निलंबन के बाद विश्वविद्यालय ने घटनाक्रमों की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी 21 अक्टूबर के एपिसोड में तमाम खामियों की जांच करने और जवाबदेही तय करने के लिए बनाई गई है.

एग्जीक्यूटिव काउंसिल के एक सदस्य ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास में यह संभवत: पहली बार हुआ है कि विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की गई है. कम से कम तीन दशकों में किसी वीसी के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई नहीं की गई. 

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जांच कमेटी उनके कार्यकाल की शुरुआत से घटनाओं की जांच करेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार घटनाओं का सिलसिला तब शुरू हुआ जब दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी ने पीसी जोशी को प्रो-वीसी के पद से हटा दिया. उनकी जगह पर उन्होंने विश्वविद्यालय के गैर-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड की निदेशक गीता भट्ट को नियुक्त किया. 

इसके साथ ही, जोशी ने एक नए रजिस्ट्रार विकास गुप्ता की नियुक्ति को भी अधिसूचित किया था, जिसका साक्षात्कार पूरा हो गया था और बुधवार को कार्यकारी परिषद द्वारा नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई थी. हालांकि, डीयू के वीसी ने पीसी झा को साउथ कैंपस का एक्टिंग रजिस्ट्रार और डायरेक्टर नियुक्त किया. 

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इसमें मंत्रालय ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि त्यागी द्वारा की गई नियुक्तियां 'वैध' नहीं थीं क्योंकि वह अवकाश पर हैं. विश्वविद्यालय की तत्काल कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक गुरुवार को आयोजित की गई जो इस निष्कर्ष पर पहुंची कि‍ डीयू के कुलपति योगेश त्यागी का निलंबन और जांच हो. इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीसी को निलंबित करने के आदेश पारित किए. बता दें कि वीसी पर प्रशासनिक चूक सहित अन्य आरोपों पर एक जांच कमेटी बनाई गई. 

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इस मामले में पीसी झा, जिन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी ने नियुक्त किया था, ने खुद मंत्रालय को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्हें 'एक्टिंग रजिस्ट्रार' कहा गया और कहा कि त्यागी द्वारा लिए गए सभी फैसले विश्वविद्यालय के मानदंडों के अनुसार हैं. 

मंत्रालय ने इस पत्र पर आपत्ति दर्ज करते हुए विश्वविद्यालय को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके अलावा गीता भट्ट को उनके कार्यों की व्याख्या करने के लिए एक ज्ञापन भी जारी किया गया है. अब प्रशासन इसी आधार पर निर्णय करेगा. इस बीच, पीसी झा को कोई प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी. 

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ने यह सुनिश्चित करने के लिए त्यागी को निलंबित कर दिया है ताकि वो किसी भी तरह रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को मोल्ड न कर सकें. 

डीयू वीसी योगेश त्यागी के खिलाफ ये हैं शिकायतें 

त्यागी के खिलाफ कार्यकाल के दौरान खाली पदों को न भरने, यौन उत्पीड़न के मामलों के निवारण में देरी और विश्वविद्यालय में सतर्कता संबंधी शिकायतों, तदर्थ शिक्षकों के मुद्दे को गलत तरीके से पेश करना, जिसके कारण बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ, जैसी शिकायतें हैं. 

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