विश्व-प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में विश्व स्तर की शिक्षा प्राप्त करना हर टैलेंटेड स्टूडेंट का सपना होता है. लेकिन कई बार पैसा तो कई बार किस्मत आड़े आ जाती है. इसलिए ये सपना बहुत कम ही लोगों का पूरा होता है. वहीं दिल्ली के इंजीनियरिंग छात्र अभिषेक अग्रहरि के लिए ये ऑफर छप्पर फाड़कर खुशियां लेकर आए हैं.
इस भारतीय छात्र ने दस वर्ल्ड फेमस यूनिवर्सिटीज से रिसर्च इंटर्नशिप का आफर पाकर नये मानदंडों को परिभाषित किया है. दिल्ली के अभिषेक अग्रहरि एक इंजीनियरिंग छात्र है, जो इंटर्नशिप ऑफर के बाद यूके के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और यूएसए के पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी और इलिनोइस विश्वविद्यालय जैसी यूनिवर्सिटी में इंटर्नशिप कर सकते हैं.
अभिषेक ने ANI से बातचीत में कहा कि कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव पाकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मेरी कड़ी मेहनत आखिरकार रंग लाई है. अभिषेक ने इससे पहले गैस टरबाइन इंजन पर कुछ रक्षा संस्थानों और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) पर काम किया है. इसके अलावा fluid-structure interaction पर IIT बॉम्बे और IIT कानपुर में fluid dynamics पर काम किया. उन्हें खड़गपुर, इंदौर और मद्रास में संस्थान के केंद्रों से ऑफर मिल चुके हैं.
20 साल के अभिषेक का रिसर्च के प्रति लगाव उनका रोजमर्रा की चीजों में कुछ नया तलाशने की ललक है. उन्होंने कहा कि अनुसंधान ने मुझे शुरू से ही आकर्षित किया है क्योंकि मुझे यह पसंद नहीं है कि मुख्यधारा में अब तक क्या किया गया है. मैं लगातार कुछ नया तलाशना चाहता था. मुझे फ्ल्यूड, ब्लैक होल, तेज धूप, गहरी छाया जैसे विषयों पर शोध करना पसंद है.
अभिषेक को लगता है कि डीआरडीओ और आईआईटी जैसे प्रमुख संगठनों के साथ काम करने के बाद अब इंटरनेशनल लेवल पर अपना बेस्ट देने का समय आ गया है. उनका मानना है कि विदेशी विश्वविद्यालय बुनियादी सुविधाओं के मामले में थोड़े उन्नत हैं, हम जो प्रदर्शन कर रहे हैं उसकी तुलना में शोध की गुणवत्ता के मामले में वो आगे हैं.
लेकिन यह सफलता उनके पास आसानी से नहीं आई. उन्हें अपने स्नातक दिनों के दौरान और बाद में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वह एक "गैर-आईआईटी" कॉलेज से पढ़े थे. उन्होंने कहा कि जो भी छात्र आईआईटी से आता है वह "सबसे अच्छा होगा" यह एक धारणा बनी हुई है.
रिसर्च संस्थान (विश्वविद्यालय) निजी विश्वविद्यालयों से अध्ययन करने वाले छात्रों को मौका देने के बजाय आईआईटी छात्रों पर आंख बंद करके विश्वास करते हैं. मेरे लिए पूरी प्रक्रिया बहुत कठिन थी. उन्होंने कहा कि साक्षात्कारकर्ताओं को आश्वस्त करना एक आसान काम नहीं था.
अभिषेक ने कहा कि उन्हें अपने शोध के लिए अन्य स्रोतों से अध्ययन करना होगा क्योंकि जिन विषयों पर उनका ध्यान केंद्रित है, उन्हें स्नातक स्तर पर नहीं पढ़ाया जाता है. वे ज्यादातर पोस्ट-डॉक्टरल या पीएचडी स्तर के दौरान शोध करते हैं. वो कहते हैं कि मैं रिसर्च के क्षेत्र में तमाम व्यक्तित्वों से बहुत प्रेरणा लेता हूं.
जब उनसे पूछा गया कि वह अपनी इंटर्नशिप को आगे बढ़ाने के लिए किस विश्वविद्यालय का चयन करेंगे, तो उन्होंने जवाब दिया कि वह अगले साल जनवरी में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में जाएंगे. उन्होंने कहा कि ज्यादा संभावना यह है कि मैं आने वाले वर्ष 2021 जनवरी में ऑक्सफोर्ड चला जाऊं. वीजा और प्रस्थान की सुविधा के लिए बहुत सारी कागजी कार्रवाई की जानी है. हालांकि, मैं संयुक्त राज्य अमेरिका में दो या तीन अन्य संस्थानों के साथ बात कर रहा हूं.
हार्वर्ड, ऑक्सफोर्ड और येल तक पहुंचना बहुत से इंजीनियरिंग छात्रों के लिए दूर की कौड़ी लग सकता है लेकिन ईमानदारी, कड़ी मेहनत और लक्ष्य के साथ तैयारी की जाए तो ये संभव है. अभिषेक कहते हैं कि मुझे हमेशा विश्वास था कि अगर वे (IITans) वहां पहुंच सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं.
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