World Organ Donation Day 2022: पुरुषों को अंग दान नहीं कर सकती हैं महिलाएं? जान लें ये गलत धारणाएं

World Organ Donation Day 2022 History and Myths: हर साल 13 अगस्त को अंग दान के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने और अंगों को दान करने से संबंधित भ्रांतियों को दूर करने के लिए विश्व अंग दान दिवस (World Organ Donation Day) मनाया जाता है. क्या आप जानते हैं कौन अंग दान कर सकता है? विश्व अंग दान का इतिहास और अंग दान से जुड़ी गलत धारणाएं कौन सी हैं?

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World Organ Donation Day (Photo: Freepik.com) World Organ Donation Day (Photo: Freepik.com)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:27 AM IST

World Organ Donation Day 2022: अंग दान महान दान माना जाता है. अगर किसी की मौत किसी दूसरे के जीवनदान की वजह बन जाए तो इससे अच्छा क्या हो सकता है. हर साल 13 अगस्त को अंग दान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अंगों को दान करने से संबंधित भ्रांतियों को दूर करने के लिए विश्व अंग दान दिवस (World Organ Donation Day) मनाया जाता है. इस दिन लोगों को मरने के बाद अपने स्वस्थ अंगों को दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जा सके.

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भारत में, जीवित और मृत लोग कानूनी तरीके से अंग दान कर सकते हैं. देश में हर साल 1.5 लाख किड़नी की जरूरत पड़ती है, जबकि 3 हजार ही मिल पाती है. करीब 25 हजार नए लीवर की एवज में सिर्फ 800 ही मुहैया हो पाते हैं वहीं 60 लाख नेत्रहीनों लोगों को आंखों की जरूरत है लेकिन 22, 384 लोग ही देख पाते हैं. आपको जानकार हैरानी हो सकती है कि सबसे ज्यादा आबादी के मामले में दूसरे नंबर पर आने वाले भारत में केवल 0.1% लोग ही खुद को अंग दान के लिए रजिस्‍टर करते हैं. बता दें कि भारत का अपना नेशनल ऑर्गन डोनेशन डे हर साल 27 नवंबर को मनाता है. 

कौन कर सकता है अंगदान?
कोई भी व्यक्ति जो एचआईवी, कैंसर, या किसी हृदय और फेफड़ों की बीमारी जैसी किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित नहीं है, अपनी उम्र, जाति और धर्म से ऊपर उठकर अपनी मर्जी से अंग दान कर सकता है. एक व्यक्ति 18 वर्ष की आयु के बाद ऑर्गन डोनेट कर सकता है.

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कैसे शुरू हुआ विश्व अंग दान दिवस?
सबसे पहले अमेरिका में 1954 को ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया था. अमेरिका के डॉ जोसेफ मरे ने 1990 में जुड़वां भाइयों रोनाल्ड ली हेरिक और रिचर्ड हेरिक की किडनी ट्रांसप्लांट की थी. इसके लिए डॉ. जोसेफ को फिजियोलॉजी और मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.

अंग दान को लेकर गलत धारणाएं-

  1. अंग दान के लिए धर्म एक होना चाहिए. (किसी भी धर्म का व्यक्ति अंग दान कर सकता है.)
  2. केवल मृत्यु के बाद ही अंग दान किया जा सकता है. (आप पहले भी अंग दान कर सकते हैं, मृत्यु के बाद एक निश्चित समय तक ही अंग निकाला जा सकता है.)
  3. ब्रेन डेथ के बाद अंगों के दान के बाद शरीर की चीर-फाड़ हो जाती है. (अंग निकालने के बाद सावधानीपूर्वक सर्जरी कर दी जाती है जिससे शरीर कटा हुआ नहीं दिखता.)
  4. अंग खरीदा जा सकता है. (बिना कानूनी लिखा-पढ़ी के अंग की बिक्री पर दंडनीय अपराध है.)
  5. अंग दान के बाद अंगदाता का शरीर कमजोर पड़ जाता है. (ऐसा नहीं, अंग दान के बाद अंगदाता पहले की तरह जीवन जीता है. हां, किडनी डोनेट करने वालों में उम्र के साथ हाई बीपी या प्रोटीन की कमी की शिकायत हो सकती है.)
  6. महिलाएं पुरुषों को अंग दान नहीं कर सकती हैं. (महिला और पुरुष की किडनी एक जैसी होती है, जिसे ट्रांसप्लांट किया जा सकता है.)
  7. बच्चे अंग दान नहीं कर सकते हैं. (बच्चे भी अंगदान का संकल्प कर सकते हैं जिसके लिए माता-पिता या अभिभाव की मंजूरी जरूरी होती है. 2014 में अभिमस्तिष्कता (anencephaly) के साथ पैदा हुए बच्चे की किडनी डोनेट की गई थी, बच्चे की उम्र केवल 100 मिनट की थी.)

 

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