पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के वजन को लेकर अयोग्य घोषित किए जाने के बाद वजन से जुड़े नियमों को लेकर काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, विनेश फोगाट को कैटेगरी के हिसाब से कुछ ग्राम वजन होने की वजह से अयोग्य करार दिया गया है. इसके बाद लोगों का कहना है इतना वजन तो कम किया जा सकता था और ऐसा कई बार हुआ है कि एथलीट्स ने काफी कम समय में अपना वजन घटाया है और किसी खास कैटेगरी में जगह फिक्स भी किया है. यहां तक कि ऐसा ही भारतीय बॉक्सर मैरीकॉम ने भी किया है.
ऐसे में जानते हैं कि आखिर मैरीकॉम से जुड़ा वो किस्सा, जिसमें उन्होंने एक घंटे में दो किलो वजन कम कर लिया था. साथ ही ये भी जानेंगे कि आखिरी एथलीट किस तरह से अपना वजन कम करते हैं और विनेश फोगाट के केस में स्थिति अलग क्यों है...
मैरीकॉम का क्या है मामला...
दरअसल, मैरीकॉम को एक बार पौलेंड में Silesian ओपन बॉक्सिंग टूर्नामेंट में खेलना था और इस वक्त वो 48 किलो वेट कैटेगरी में खेलना चाहती थीं, लेकिन उसके हिसाब से उनका वजन ज्यादा था.ऐसे में कैटेगरी निर्धारण के लिए होने वाले वजन से पहले ही उन्होंने अपना वजन कम कर लिया. बता दें कि उस वक्त मैरीकॉम ने कैटेगरी में डिसक्वालिफाई होने से बचने के लिए चार घंटे में दो किलो वजन कम किया था. उन्होंने बताया था कि उन्होंने एक घंटे तक स्किपिंग की और इस तरह वजन कम किया गया.
एथलीट कैसे करते हैं वजन?
जब भी ऐसा होता है एथलीट कई तरह से बहुत कम समय में वजन कम कर लेते हैं. इसके लिए वे हैवी वर्कआउट करते हैं और इसके लिए खास तरह के कपड़े आते हैं, जिन्हें पहनकर वर्कआउट किया जाता है. इससे बॉडी से काफी ज्यादा पसीना निकलता है और कुछ ही घंटों में वजन कम हो जाता है. हालांकि, इसमें स्ट्रेस आदि फैक्टर भी काम करते हैं. एथलीट्स इस स्थिति में एक एफबीटी सूट पहनते हैं, जिससे शरीर में काफी हीट पैदा होती है और उससे पहनकर सोना बाथ लेते हैं.
ऐसा करने से बॉडी से काफी तेज पसीना निकलता है और बार-बार टॉयलेट जाते हैं, ऐसा करने से बॉडी से वॉटर रिटेंशन कम होता है. वॉटर रिटेंशन कम करके एक बार के लिए काफी वजन कम कर दिया जाता है. इसके अलावा भी वाटर रिटेंशन कम करने के उपाय होते हैं, जिससे शरीर से पानी निकाला जाता है और वजन कम हो जाता है.
विनेश फोगाट के केस में क्या हुआ?
अगर विनेश फोगाट के केस की बात करें तो इसमें रेसलर को वेट इन टाइम काफी कम मिलता है. रेसलिंग के नियमों के अनुसार, पहलवानों का मैच से पहले वजन होता है और अगर दो रेसलर दो दिन बाउट लड़ते हैं तो दो दिन उनका वजन किया जाता है. नियमों के अनुसार, जिस दिन बाउट होता है,उसी दिन हर पहलवान का वजन सुबह में होता है.
पहले वेट-इन के दौरान पहलवानों के पास वेट बनाने के लिए 30 मिनट का समय होता है. 30 मिनट में कई बार वजन कर सकते हैं, लेकिन दूसरे दिन वेट-इन सिर्फ 15 मिनट का होता है. ऐसे में इतने कम टाइम में वजन कम करना संभव नहीं है.
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