ट्रेन में अपर बर्थ गिरने से एक यात्री घायल हो गया और इलाज के वक्त यात्री की मौत हो गई. रेलवे में सीट गिरने से यात्री की मौत पर विवाद हो रहा है, क्योंकि इस मामले में रेलवे का कहना है कि हादसा खराब सीट के कारण नहीं हुआ. ऐसे में लोगों का सवाल है कि क्या इस स्थिति में ट्रेन टिकट के साथ मिलने वाले इंश्योरेंस का क्लेम मिल पाएगा? तो जानते हैं ट्रेन टिकट वाले 45 पैसे के इंश्योरेंस में किन-किन चीजों को कवर किया जाता है और इंश्योरेंस में कौन-कौनसी शर्ते होती हैं...
कितना मिलता है कवर?
इंश्योरेंस में अस्पताल के इलाज के लिए 2 लाख रुपये, स्थायी आंशिक विकलांगता के लिए 7.5 लाख रुपये, मृत्यु होने की स्थिति में 10 लाख रुपये का कवर दिया जाता है. अगर आपने पॉलिसी में कोई नॉमिनेट का नाम अपडेट नहीं किया है तो मौत की स्थिति में उत्तराधिकारी को पैसे दे दिए जाएंगे. हर क्लास के लिए एक ही इंश्योरेंस व्यवस्था है और सभी में कवर भी समान ही है.
क्या-क्या कवर होता है?
रेलवे की ओर से किए जाने वाले इंश्योरेंस में मुख्य तौर पर तीन तीन चीजें कवर होती हैं, जिसमें एक्सीडेंटल डेथ, डिसेबिलिटी और हॉस्पिटल का खर्चा आदि शामिल है. इंश्योरेंस उस वक्त ही क्लेम किया जा सकता है, जब ट्रेन एक्सीडेंट हो या फिर कोई और घटना हो. ट्रेन टिकट के साथ दिए जाने वाला इंश्योरेंस आपकी जर्नी के दौरान होने वाली घटनाओं के लिए वैलिड होता है. एक्सीडेंट के अलावा ट्रेन में होने वाली कुछ अप्रिय घटनाएं भी इस इंश्योरेंस में कवर की जाती है.
लेकिन, अगर आप इस इंश्योरेंस में कुछ भी क्लेम करते हैं तो आपको रेलवे की ओर से जारी की गई रिपोर्ट भी साथ में सब्मिट करनी होगी, इसके बाद क्लेम ही कवर किया जाएगा. इसके बाद पीड़ित या मृतक के घर वालों को नॉमिनी नियमों के आधार पर पैसा दिया जाएगा. हालांकि, इसमें स्टेशन आदि पर होने वाली घटनाएं कवर नहीं की जाती है.
क्या-क्या नहीं होता है कवर?
एक तो ये इंश्योरेंस 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं है. इसके अलावा अगर रेलवे ट्रैक क्रॉस करते वक्त कोई हादसा हो तो इस इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाएगा. वहीं, सुसाइड आदि की स्थिति में इंश्योरेंस कवर नहीं होगा और अगर किसी पीड़ित के साथ नशे की स्थिति में हादसा होता है तो भी इसे इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाएगा. इसके अलावा इंश्योरेंस में कवर ना होने वाले शर्तों की लंबी लिस्ट है, जो आपको पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेल कर दी जाती है.
कैसे मिलता है कवर?
अगर आप इंश्योरेंस में कुछ क्लेम करना चाहते हैं तो आपको 4 महीने के अंदर क्लेम करना होगा. हर स्थिति में अलग अलग कागजों की आवश्यकता होती है, ऐसे में आपको सभी कागज इंश्योरेंस कंपनी को जमा करने होंगे. क्लेम के दौरान आपको रेलवे अथॉरिटी की रिपोर्ट जरूरी देनी होती है, जिसमें रेलवे एक्सीडेंट या किसी घटना की पुष्टि करता है. इसके बाद क्लेम का पैसा मिल पाता है.
बिना रिजर्वेशन के लिए नहीं इंश्योरेंस?
अगर आपकी टिकट कंफर्म नहीं है तो आप इसके दायरे में नहीं हैं और आरक्षित टिकट वालों को ही इंश्योरेंस की सुविधा मिलती है. वेटिंग लिस्ट की टिकट के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए इंश्योरेंस लागू नहीं है.
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