ताजमहल की टिकट से ही आ जाते हैं करोड़ों रुपये, जानिए किसकी जेब में जाता है यह पैसा

ताजमहल ने 2023-24 के वित्तीय वर्ष में टिकट बिक्री से 98.7 करोड़ रुपये की भारी कमाई की. टिकट से जनरेट होने वाला रेवेन्यू किसके पास जाता है और उसका कहां इस्तेमाल किया जाता है. आइए आपको बताते हैं.

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Tajmahal Generated Revenue (Image: Pixabay) Tajmahal Generated Revenue (Image: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 4:47 PM IST

ताजमहल का दीदार करने भारत से ही नहीं, विदेश से भी काफी लोग आते हैं. क्या आप जानते हैं जिस ताजमहल की खूबसूरती देखने लोग पूरी दुनिया से आ रहे हैं, उसे देखने के लिए लगने वाली टिकट का पैसा आखिर किसकी जेब में जाता है.  दुनिया के सात अजूबों की लिस्ट में शामिल ताजमहल में टिकट से हर साल करोड़ों का कलेक्शन होता है... तो जानते हैं ताजमहल में भारतीयों और विदेशियों के लिए कितने की टिकट है और टिकट से मिलने वाले मोटे अमाउंट का बंटवारा कैसे होता है.

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ताजमहल देखने के लिए कितने की टिकट लगती है?

ताजमहल में प्रवेश करने के लिए टिकट की कीमतें राष्ट्रीयता के आधार पर अलग-अलग हैं. भारतीय नागरिकों को ताजमहल के प्रवेश के लिए ₹50 का सामान्य शुल्क और ₹200 का अतिरिक्त शुल्क मुख्य मकबरे में प्रवेश के लिए देना होता है. वहीं, सार्क और बिम्सटेक देशों के नागरिकों को ₹540 का शुल्क और ₹200 का अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है. विदेशी पर्यटकों के लिए यह शुल्क ₹1100 है.

ताजमहल से हुई सबसे ज्यादा कमाई

ताजमहल की टिकट बिक्री से होने वाली कमाई की बात करें तो, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, ताजमहल ने 2023-24 के वित्तीय वर्ष में टिकट बिक्री से 98.7 करोड़ रुपये की भारी कमाई की. यह ताजमहल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत सबसे ज्यादा कमाई करने वाला स्मारक बना देता है. लेकिन सवाल उठता है कि यह सारा पैसा जाता कहां है? इसे जानने के लिए हमने ताजमहल के टूरिस्ट इन्फॉर्मेशन ऑफिसर अनिल कुमार सिंह से बातचीत की.

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टिकट से मिलने वाले पैसे का कहां होता है इस्तेमाल?

अनिल कुमार सिंह ने बताया कि ताजमहल एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है, और उसकी देखरेख बेहद महत्वपूर्ण है. केवल ताजमहल के मकबरे को ही नहीं, बल्कि इसके आसपास के क्षेत्र की साफ-सफाई, मेन्टेनेन्स और सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाता है. यहां तक कि परिसर में पेयजल, शौचालय, फुटपाथ और पेड़-पौधों की देखरेख का कार्य भी किया जाता है. 

उन्होंने आगे बताया कि ताजमहल के टिकट से होने वाली कमाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और आगरा डेवलपमेंट अथॉरिटी (ADA) के पास जाती है. एएसआई टिकट के पैसे और सरकारी कोष से ताजमहल के अंदर होने वाले सभी कार्यों का ध्यान रखता है. वहीं, ताजमहल के बाहर की जन सुविधाएं जैसे शौचालय, फुटपाथ आदि की देखरेख आगरा डेवलपमेंट अथॉरिटी (ADA) करती है. 

ताजमहल ने 2023-2024 के दौरान 43.06 करोड़ रुपये की कमाई की है, जिसे टिकट से प्राप्त किया गया है. यह पैसा ताजमहल के रखरखाव, साफ-सफाई, और उसकी संरचना को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही, ताजमहल के परिसर में आने वाली जन सुविधाओं के विकास और बनाए रखने के लिए भी इस धन का उपयोग किया जाता है. ताजमहल के टिकट से उत्पन्न होने वाली सारी राशि भारतीय सरकार के समेकित कोष में जमा होती है. इसी पैसा का कुछ हिस्सा ADA को दिया जाता है.

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