Slavery Remembrance Day: जब पहली बार सभ्‍य हुई मानव सभ्‍यता, वर्षों पुरानी गुलामी प्रथा का हुआ अंत

Slavery Remembrance Day 2022 History & Significance: UNESCO के सदस्य देश हर साल इस तारीख को खास कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जिसमें युवाओं, शिक्षकों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों से सक्रिया भागीदारी आमंत्रित की जाती है. इस दिन गुलामी के 'ऐतिहासिक कारणों, तरीकों और परिणामों' पर लोगों कर ध्यान लाया जाता है.

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Slavery Remembrance Day 2022: Slavery Remembrance Day 2022:

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 23 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:28 AM IST

International Day for the Remembrance of the Slave Trade and its Abolition 2022: दास व्यापार मानव इतिहास के सबसे क्रूर और अमानवीय अपराधों से एक है. 400 से अधिक वर्षों तक, अफ्रीका के 15 मिलियन से अधिक पुरुष, महिलाएं और बच्चे ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार के शिकार थे. इस समय के दौरान, लोगों को उनके मूल कबीले से ले जाया गया और बहुत कम या बिना वेतन के बेहद अमानवीय परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया गया. 

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गुलामों के व्यापार और उसके उन्मूलन को याद करने के लिए हर वर्ष 23 अगस्‍त को 'गुलामों के व्‍यापार और उसके निषेध का अंतरराष्ट्रीय स्मरण दिवस मनाया जाता है. लंबे सयम तक लोगों को खरीदना, बेचना और गुलाम बनाकर रखना आम बातें हुआ करती थीं. मानव सभ्‍यता ने गुलामी की प्रथा को खत्‍म कर सभ्‍य होने की दिशा में बड़ा कदम उठाया था. 

UNESCO के सदस्य देश हर साल इस तारीख को खास कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जिसमें युवाओं, शिक्षकों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों से भागीदारी को आमंत्रित किया जाता है. इंटरकल्चरल यूनेस्को प्रोजेक्ट, "द स्लेव रूट" के लक्ष्य के तौर पर, इस दिन गुलामी के 'ऐतिहासिक कारणों, तरीकों और परिणामों' पर लोगों कर ध्यान केंद्रित किया जाता है. इसके अलावा यह बातचीत और संवाद के लिए मंच तैयार करता है ताकि उस कारण की पहचान की जा सके, जिसने अफ्रीका, यूरोप, अमेरिका और कैरिबियन देशों में ट्रान्साटलांटिक मानव व्यापार को जन्म दिया.

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क्‍या है इस दिन का इतिहास
22 से 23 अगस्त 1791 की रात को, सेंट डोमिंगु में, आज रिपब्लिक ऑफ हाईटी में उस विद्रोह की शुरुआत हुई, जिसने आगे चलकर ट्रान्साटलांटिक गुलाम व्यापार के उन्मूलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसी के चलते इस दिन को ऐतिहासिक महत्‍व का दिन माना गया. हैती में पहली बार 23 अगस्त 1998 को और सेनेगल के गोरी द्वीप में 23 अगस्त 1999 को यह दिन याद किया गया. आगे चलकर UNESCO ने इस दिन को अंतराष्‍ट्रीय गुलाम व्‍यापार उन्‍मूलन दिवस के रूप में मान्‍यता दी. 

इस अंतरराष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य लोगों की याद में दास व्यापार की त्रासदी को वापस लेकर आना है ताकि इसके मूल कारणों की पहचान की जा सके. गुलामी के शिकार लोगों और उनके बलिदानों को याद करने के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है. यह एक सबक है कि हमें इस तरह के अत्याचारों को भविष्‍य में फिर कभी नहीं होने देना चाहिए.

 

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