अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और डिबेट का दौर शुरू हो गया है. डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले के बाद से अमेरिका के राष्ट्रपति पद की काफी चर्चा होने लगी है. अब उनकी सिक्योरिटी से लेकर लाइफस्टाइल की चर्चा हो रही है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर जो अमेरिका का राष्ट्रपति चुना होता है, उनकी सैलरी कितनी होती है?
अमेरिकी राष्ट्रपति की कितनी है सैलरी?
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कांग्रेस राष्ट्रपति का वेतन निर्धारित करती है. कांग्रेस यानी अमेरिकी कांग्रेस संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार की विधायी शाखा है, जो दो सदनों से मिलकर बनी है: सीनेट और प्रतिनिधि सभा. आखिरी बार कांग्रेस ने राष्ट्रपति का वेतन बढ़ाने का निर्णय 2001 में लिया था, उस समय जब जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था.
कांग्रेस ने 2001 में अमेरिका के राष्ट्रपति का वेतन 400,000 डॉलर तय किया था. हैरानी की बात यह है कि 24 साल बाद भी अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन को उतना ही वेतन मिलता है. इसे अगर हम भारतीय मुद्रा में देखें तो यह लगभग 3,28,00,000 रुपये है. बता दें कि 1789-1872 तक अमेरिका के राष्ट्रपति की सैलरी का फिगर $25,000 था, जो 1873-1908 तक $50,000 रहा. 1909-1948 को यह आंकड़ा $75,000 सालाना हुआ. 1949-1968 में यह बढ़कर $100,000 तक पहुंचा. 1969-2000 में यह $200,000 सालाना हो गया. 2001 में यह $400,000 हुआ, जो अब तक बरकरार है.
दूसरे देशों के राष्ट्रपति की कितनी है सैलरी?
वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स के अनुसार, सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन दुनिया में सबसे अधिक वेतन पाने वाले राष्ट्राध्यक्षों की टॉप लिस्ट में हैं. वहीं, चीन के राष्ट्राध्यक्ष/राष्ट्रपति को सालाना 22,000 डॉलर (करीब 16 लाख रुपये) की सैलरी मिलती है. वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के हवाले से इस लिस्ट में टॉप-10 में सऊदी अरब, यूएई, कुवैत, मोनाको, नॉर्वे, स्वीडन, डेनमार्क, नीदरलैंड, जापान, और स्विट्जरलैंड के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं.
दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी कहां मिलती है?
दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी सऊदी अरब के प्रमुख/किंग को मिलती है, जिनकी सालाना सैलरी 9.6 अरब डॉलर (करीब 68,280 करोड़ रुपये) है. UAE के राष्ट्राध्यक्ष इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं, जिनकी सालाना सैलरी 4.61 अरब डॉलर (करीब 32,910 करोड़ रुपये) है.
तीसरे स्थान पर कुवैत के राष्ट्राध्यक्ष को सालाना 16.5 करोड़ डॉलर (करीब 1,180 करोड़ रुपये) की सैलरी मिलती है, जबकि मोनाको के राष्ट्राध्यक्ष की सालाना सैलरी 5.2 करोड़ डॉलर (करीब 37 करोड़ रुपये) है.
इसके बाद नॉर्वे (3.3 करोड़ डॉलर), स्वीडन (1.6 करोड़ डॉलर), डेनमार्क (1.1 करोड़ डॉलर), नीदरलैंड (60 लाख डॉलर), जापान (30 लाख डॉलर), और स्विट्जरलैंड (507 हजार डॉलर) इस सूची में शामिल हैं.
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