World Book Day 2019: जानें- क्यों मनाया जाता है ये दिन, ऐसे हुई थी शुरुआत

World Book Day 2019: आज  दुनियाभर  में विश्व पुस्तक दिवस मनाया जा रहा है... जानें- कब और कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत...

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

aajtak.in / प्रियंका शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

World Book Day 2019: हर साल 23 अप्रैल दुनियाभर में  'विश्व पुस्तक दिवस' मनाया जाता है. विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस भी कहा जाता है. 23 अप्रैल 1995 में पहली बार यूनेस्को ने विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत की थी. लोगों के मन में पुस्तक प्रेम को जागृत करने के लिए इस दिन का मनाया जाता है.

आपको बता दें, विश्व पुस्तक दिवस के लिए 23 अप्रैल की तारीख यूनेस्को द्वारा विलियम शेक्सपियर, मिगुएल सर्वेंट्स और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा सहित महान साहित्यकारों को श्रद्धांजलि देने के लिए चुना गई थी. जिनका इसी तारीख को निधन हो गया था. विश्वभर में लेखकों और पुस्तकों को सम्मानित करने के लिए साल 1995 में पेरिस में हुए यूनेस्को जनरल कांफ्रेंस में विश्व पुस्तक दिवस को मनाने की घोषणा की गई थी.

Advertisement

क्यों मनाया जाता है विश्व पुस्तक दिवस

विश्व पुस्तक दिवस को दुनिया भर में उन पुस्तकों के दायरे को पहचानने के लिए मनाया जाता है जिन्हें अतीत और भविष्य के बीच की कड़ी के रूप में देखा जाता है. जिसमें देश की संस्कृति और पीढ़ियों का वर्णन है.  इस दिन, यूनेस्को और प्रकाशक एक साल  के लिए वर्ल्ड बुक कैपिटल का चयन करते हैं. इस साल के लिए शारजाह, यूएई को "विश्व पुस्तक राजधानी" घोषित किया गया है. यह कुआलालंपुर, मलेशिया में साल 2020 में आयोजित किया जाएगा.

क्या होगी थीम

यूनेस्को के डायरेक्टर जनरल Audrey Azoulay ने 2019 की थीम को उन्होंने शब्दों के माध्यम से समझाते हुए कहा कि “पुस्तकें सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का एक रूप है जो किसी चुनी हुई भाषा के माध्यम से और उसके हिस्से में रहती है. प्रत्येक पुस्तक को पाठकों की भाषा के अनुसार तैयार किया जाता है. जिसमें विभिन्न प्रकार की भाषाओं का इस्तेमाल किया जाता है". इस साल हम यूनेस्को की अगुवाई में स्वदेशी भाषा का बढ़ावा दिया जाएगा.

Advertisement

जागरुकता अभियान

लोगों में पुस्तक प्रेम को जागृत करने के लिए मनाए जाने वाले 'विश्व पुस्तक दिवस' पर जहां स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई की आदत डालने के लिए सस्ते दामों पर पुस्तकें बांटने जैसे अभियान चलाये जा रहे हैं, वहीं स्कूलों या फिर सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शनियां लगाकर पुस्त पढ़ने के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement