Vallabhbhai Patel Death Anniversary: भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल उन नेताओं में से एक थे, जिन्हें राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा के लिए याद किया जाता है. 31 अक्टूबर, 1875 को जन्मे पटेल ने न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि स्वतंत्रता के बाद उनका भारत निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. पेशे से वकील पटेल, महात्मा गांधी के प्रबल समर्थक थे. गांधी जी के साथ उनके संबंध 1918 में खेड़ा सत्याग्रह के दौरान और गहरे हो गए थे. 1932 में दोनों यरवदा जेल गए और 16 महीनों तक वहां साथ ही रहे.
जैसे-जैसे स्वतंत्रता संग्राम तेज हुआ, पटेल ने अपनी लॉ की प्रैक्टिस छोड़ दी और अपने प्रयासों को राजनीतिक और रचनात्मक कार्यों में लगाना शुरू कर दिया. उन्होंने गांवों का दौरा करना, सभाओं को संबोधित करना, विदेशी कपड़े की दुकानों और शराब की दुकानों पर धरना देना शुरू किया. देश की आजादी के बाद वे उपप्रधानमंत्री और देश के पहले सूचना प्रसारण मंत्री तथा गृह मंत्री बने. देश की आजादी के बाद उन्होंने अलग-अलग फैली कई रियासतों का विलय भारत में किया. सरदार पटेल को भारत के निर्माण का सूत्रधार माना जाता है.
सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री मोदी समेत देश के कई राजनेताओं ने उन्हें श्रृद्धांजलि दी है.
उन्होंने छुआछूत, जातिगत भेदभाव, शराब के सेवन और महिला उत्पीड़न के खिलाफ पूरे देश में व्यापक रूप से जागरूकता फैलाई. महात्मा गांधी के जेल में रहने के दौरान, पटेल ने 1923 में नागपुर में सत्याग्रह आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसे ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय ध्वज फहराने पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ शुरू किया गया था. सरदार पटेल 20वीं शताब्दी में भारत के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक थे. उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण 2018 में किया गया था. लौहपुरुष पटेल की प्रतिमा गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर स्थित है.
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